पशु बीमा योजना 2022, पशुधन बीमा योजना हेतु पंजीकरण प्रक्रिया

पशु बीमा योजना 2022, पशुधन बीमा योजना हेतु पंजीकरण प्रक्रिया
Last Updated: 23 मार्च 2024

"किसान" नाम अपने आप में महत्वपूर्ण अर्थ रखता है। किसान शब्द सुनते ही हमें यह समझ आ जाता है कि वे हमारे देश के अन्नदाता हैं। हम सभी जानते हैं और मानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह कहना सुरक्षित है कि किसानों की प्रगति के बिना भारत का विकास अधूरा है।

हालाँकि, आजकल, हम नियमित रूप से किसानों के विरोध प्रदर्शन देखते हैं, जो उनकी परेशानी का संकेत देते हैं। कुछ किसान अपनी फसलों के लिए उचित मूल्य पाने के लिए संघर्ष करते हैं, जबकि अन्य अपनी बेची गई उपज के भुगतान के लिए लंबी अवधि तक इंतजार करते-करते थक गए हैं।

भारत सरकार किसानों के आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करने और उनकी स्थिति को मजबूत करने के लिए समय-समय पर नई योजनाएं पेश करती है। आज हम इनमें से कुछ योजनाओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। हमारा लक्ष्य इन योजनाओं को किसान भाइयों को सरल भाषा में समझाना है, उम्मीद है कि पाठकों के कई सवालों के जवाब मिल सकेंगे। आइए आज बात करते हैं पशुधन बीमा योजना के बारे में।

 

पशुधन बीमा योजना के बारे में जानकारी

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पशुधन बीमा योजना केंद्र सरकार द्वारा क्रियान्वित एक कार्यक्रम है। इसमें देश के चयनित जिले शामिल हैं और भारत के 300 जिलों में रहने वाले पशुपालकों को लाभ मिलता है। इस योजना को शुरू करने का प्राथमिक उद्देश्य पशुपालकों को किसी भी कारण से उनके पशुओं की असामयिक मृत्यु के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाना है। इसका उद्देश्य लोगों को पशुधन बीमा के लाभों के बारे में सूचित करना और पशुधन उत्पादों के गुणवत्तापूर्ण विकास को बढ़ावा देना भी है। यदि आप पशुपालक हैं और अपने पशुओं का बीमा कराना चाहते हैं, तो आइए समझें कि पशुधन बीमा योजना में क्या शामिल है।

 

पशुधन बीमा योजना क्या है?

पशुधन बीमा योजना का मुख्य लक्ष्य पशुपालकों को प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों या दुर्घटनाओं के कारण होने वाले नुकसान से उनके पशुओं की मृत्यु के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करना है। पशुपालकों को होने वाले संभावित नुकसान को देखते हुए यह योजना शुरू की गई।

इस योजना में स्वदेशी/संकर नस्ल के दुधारू पशुओं को शामिल किया गया है। बीमा राशि इन जानवरों के प्रचलित बाजार मूल्यों पर आधारित है। प्रीमियम का केवल 50% तक ही स्वीकार किया जाता है, बाकी केंद्र सरकार वहन करती है। यह योजना तीन साल की पॉलिसी के तहत प्रति लाभार्थी केवल दो जानवरों को लाभ प्रदान करती है।

पशुधन बीमा योजना में पशुधन एवं लाभार्थियों का चयन

इस योजना में स्वदेशी/संकर नस्ल के दुधारू पशु, भैंस, गर्भवती दुधारू पशु और जिन्होंने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है, शामिल हैं। पहले से ही किसी अन्य सरकारी योजना से लाभान्वित पशुधन को इस योजना से बाहर रखा गया है।

यह योजना केवल पशुपालकों के लिए है, जिसमें केवल दो पशुओं का बीमा करने की सीमा है। बीमा अधिकतम तीन वर्ष के लिए हो सकता है। यदि कोई किसान तीन साल से कम की पॉलिसी चाहता है, तो वे इसका विकल्प चुन सकते हैं और बाद की बीमा पॉलिसियों पर सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं।

बीमा राशि पशु के अधिकतम बाजार मूल्य पर आधारित होती है। यह लाभार्थी, अधिकृत पशु चिकित्सा अधिकारी और बीमा एजेंट द्वारा संयुक्त रूप से निर्धारित किया जाता है।

बीमित पशुधन की मृत्यु के 15 दिन के भीतर मुआवजा प्रदान किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि पशुपालकों को देरी के कारण अतिरिक्त नुकसान का सामना नहीं करना पड़े।

 

बीमित पशुधन की पहचान

योजना के तहत बीमित पशुओं को बीमा का दावा करते समय आसान पहचान की सुविधा के लिए एक विशिष्ट पहचान दी जाती है। यह पहचान विशिष्ट रूप से जानवरों के कानों में या हाल ही में पॉलिसी नामांकन के दौरान एक माइक्रोचिप एम्बेड करके की जाती है।

इस पहचान का खर्च बीमा कंपनी द्वारा वहन किया जाता है, जबकि इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी लाभार्थी पशुपालकों की होती है। पहचान और प्रयुक्त सामग्री का चुनाव बीमा कंपनी और लाभार्थी के बीच आपसी समझौते से तय किया जाता है।

 

पशुधन बीमा योजना हेतु पंजीकरण प्रक्रिया

सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट http://dahd.nic.in पर जाना होगा।

फिर, बीमा योजना आवेदन लिंक पर क्लिक करें और फॉर्म खोलें।

फॉर्म में सभी जरूरी जानकारी सही-सही भरेंI

फॉर्म भरने के बाद, सबमिशन पूरा करने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक करें।

इस प्रकार, योजना के लिए आपका आवेदन सफलतापूर्वक संसाधित हो जाएगा।

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