IPO: आईपीएल फ्रेंचाइजी ला सकती हैं आईपीओ, 2 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है टीमों की वैल्यू

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इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का कद हर साल बढ़ता जा रहा है, और अब यह क्रिकेट से आगे एक बड़े बिजनेस ब्रांड में तब्दील हो चुका है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ आईपीएल फ्रेंचाइजी जल्द ही आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) के जरिए फंड जुटाने की योजना बना सकती हैं। इससे न केवल निवेशकों को स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में हिस्सेदारी लेने का मौका मिलेगा, बल्कि आईपीएल फ्रेंचाइजी की वैल्यूएशन भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच सकती हैं।

आईपीएल टीमों की वैल्यू में बड़ा उछाल

जानकारों के अनुसार, 2022 में अस्तित्व में आई गुजरात टाइटन्स की अनुमानित वैल्यू करीब 900 मिलियन डॉलर है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु जैसी बड़ी टीमें 2 बिलियन डॉलर तक की वैल्यू प्राप्त कर सकती हैं। वहीं, कोलकाता नाइट राइडर्स, राजस्थान रॉयल्स, पंजाब किंग्स, सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल्स की वैल्यू 1.5 बिलियन डॉलर तक हो सकती हैं।

कैश फ्लो और फैन बेस का असर

आईपीएल फ्रेंचाइजी की वैल्यू पूरी तरह से उनके कैश फ्लो और फैन बेस पर निर्भर करती है। हाल के वर्षों में आईपीएल का राजस्व और ब्रांड वैल्यू तेजी से बढ़ी है। 2024 में आईपीएल की कुल ब्रांड वैल्यू को $10 बिलियन से $16 बिलियन के बीच आंका गया है, जो इसे दुनिया की सबसे महंगी खेल लीगों में से एक बनाता हैं।

ग्लोबल मार्केट में बढ़ रही आईपीएल की पकड़

आईपीएल अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक ग्लोबल ब्रांड बन चुका है। कई फ्रेंचाइजी ने दक्षिण अफ्रीका, यूएई, इंग्लैंड और अमेरिका की क्रिकेट लीग में अपनी टीमें उतारी हैं। रिलायंस, सन टीवी नेटवर्क, आरपीएसजी ग्रुप, जेएसडब्ल्यू जीएमआर और शाहरुख खान की नाइट राइडर्स जैसी कंपनियों के पास अब इंटरनेशनल क्रिकेट लीग की भी टीमें हैं, जिससे उनकी ब्रांड वैल्यू में और इजाफा हो रहा हैं।

आईपीएल फ्रेंचाइजी क्यों ला सकती हैं आईपीओ?

* बढ़ती वैल्यूएशन: आईपीएल टीमों की वैल्यू तेजी से बढ़ रही है, जिससे निवेशकों को आकर्षित करने का यह सही समय हो सकता है।
* नई कमाई का जरिया: आईपीओ के जरिए टीमों को अतिरिक्त फंड मिलेगा, जिसे वे खिलाड़ियों, स्टेडियम्स और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर सकते हैं।
* वैश्विक विस्तार: इंटरनेशनल मार्केट में आईपीएल ब्रांड की पकड़ मजबूत करने के लिए फंडिंग की जरूरत होगी।

यदि आईपीएल फ्रेंचाइजी वास्तव में आईपीओ लाने का फैसला करती हैं, तो यह भारतीय स्पोर्ट्स इंडस्ट्री के लिए ऐतिहासिक कदम होगा। इससे खेल उद्योग में निवेश के नए अवसर खुलेंगे और क्रिकेट की दुनिया में आईपीएल का दबदबा और बढ़ेगा। निवेशकों को भी इसका लाभ मिल सकता है, क्योंकि आईपीएल की ब्रांड वैल्यू आने वाले वर्षों में और बढ़ने की पूरी संभावना हैं।

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