नई दिल्ली: वैश्विक रेटिंग एजेंसी Moody’s Ratings ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर भरोसा जताया है। एजेंसी का कहना है कि अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने और वैश्विक व्यापारिक तनावों के बावजूद भारत की स्थिति मजबूत बनी रहेगी। इसका प्रमुख कारण है भारत की घरेलू मांग पर निर्भरता और निर्यात पर कम निर्भरता वाली आर्थिक संरचना।
Moody’s ने अपने विश्लेषण में बताया कि निजी खपत में तेजी, निर्माण क्षमताओं का विस्तार और बुनियादी ढांचे पर सरकारी निवेश, वैश्विक मंदी के प्रभाव को संतुलित करने में सहायक होंगे। इसके साथ ही महंगाई में कमी और ब्याज दरों में संभावित कटौती से बैंकिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी, जिससे कर्ज वितरण आसान होगा।
ट्रेड रिस्क के बीच भारत की बेहतर स्थिति
Moody’s का मानना है कि भारत अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक व्यापार जोखिमों से बेहतर तरीके से निपटने की स्थिति में है। एजेंसी के अनुसार, देश की मजबूत घरेलू मांग और व्यापार पर सीमित निर्भरता भारत को स्थिर बनाए रखेगी। हालांकि, इस महीने Moody’s ने 2025 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.7% से घटाकर 6.3% किया है। यह संशोधन अमेरिका की व्यापार नीतियों में बदलाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
भारत-पाक तनाव का सीमित असर
Moody’s ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव पर भी प्रतिक्रिया दी है। एजेंसी का कहना है कि इस स्थिति का पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर हो सकता है, जबकि भारत पर इसका प्रभाव सीमित रहेगा। दोनों देशों के बीच सीमित व्यापारिक रिश्ते होने के कारण भारत की आर्थिक गतिविधियों में कोई बड़ी बाधा नहीं आएगी।
जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था कई अनिश्चितताओं से जूझ रही है, वहीं भारत की घरेलू नीतियां, उपभोग आधारित मॉडल और आर्थिक विविधता उसे इन चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाते हैं। Moody’s का यह आकलन भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों और नीति निर्माताओं के लिए सकारात्मक संकेत है।