Columbus

प्रशासनिक में बड़ा फेरबदल, SECI चेयरमैन R P Gupta की सेवाएं समाप्त

🎧 Listen in Audio
0:00

केंद्र सरकार ने SECI चेयरमैन RP Gupta की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दीं। यह निर्णय SECI में जारी विवादों और बैकलॉग के बाद लिया गया।

SECI Chairman R P Gupta: भारत सरकार ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के चेयरमैन आरपी गुप्ता की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। इस फैसले के बाद SECI में एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। शनिवार को जारी आदेश में गुप्ता की बर्खास्तगी का कोई खास कारण नहीं बताया गया, लेकिन यह फैसला SECI और ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते विवादों के बीच लिया गया है।

गुजरात कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी

आरपी गुप्ता, गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी आखिरी पोस्टिंग पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव के रूप में की थी। जून 2023 में गुप्ता को SECI का चेयरमैन बनाया गया था और उनका कार्यकाल अगले महीने समाप्त होने वाला था।

SECI और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में संकट

गुप्ता की बर्खास्तगी के बाद SECI और नवीकरणीय ऊर्जा (RE) क्षेत्र में गंभीर सवाल उठ रहे हैं। SECI पर नवीकरणीय ऊर्जा खरीदने और बेचने के काम में भारी बैकलॉग का सामना करने का आरोप है। इससे न सिर्फ SECI की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं, बल्कि देश में सोलर, पवन और बैटरी स्टोरेज जैसी परियोजनाओं के लिए खरीदार भी नहीं मिल पा रहे हैं।

इससे पहले, ऊर्जा मंत्रालय ने बताया था कि 40 गीगावाट (GW) RE प्रोजेक्ट्स को खरीदार नहीं मिल पाए हैं। SECI के पास 12 GW परियोजनाएं ऐसी हैं जिनके लिए पावर सेल एग्रीमेंट्स (PSA) और पावर पर्चेज़ समझौते (PPA) लंबित हैं।

अदाणी और Azure Power विवाद

SECI के विवादों में एक बड़ा नाम अदाणी ग्रुप और Azure Power का है। इन कंपनियों के खिलाफ न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। SECI ने 30 GW के रिकॉर्ड-हाई टेंडर जारी किए थे, लेकिन इनमें से कई परियोजनाओं के लिए बिजली के खरीदार नहीं मिल पाए थे।

अदाणी और Azure Power के खिलाफ जांच में यह आरोप लगाए गए थे कि इन कंपनियों ने "अनुकूल PSA प्राप्त करने के लिए राज्य सरकारों को रिश्वत दी थी।" इसके बाद SECI के आंतरिक कामकाज पर भी सवाल उठने लगे थे, और यह मामला कई बार सुर्खियों में रहा है।

Reliance Power और SECI की प्रक्रिया में विवाद

SECI की प्रक्रिया में एक और बड़ा विवाद उस समय सामने आया जब रिलायंस पावर ने SECI की निविदा के लिए अमान्य बैंक दस्तावेज जमा किए थे। बावजूद इसके, SECI ने रिलायंस पावर को बोली में भाग लेने की अनुमति दी थी। बाद में जब भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इसे खारिज कर दिया, SECI ने प्रक्रिया को रद्द कर दिया और कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया।

CERC का निर्णय

केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) ने SECI द्वारा जारी की गई बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) की टैरिफ को खारिज कर दिया। CERC का कहना था कि BESS के लिए PSA और PPA पर हस्ताक्षर में देरी हुई थी और इसके कारण कीमतों में गिरावट आई है। इसके बाद, SECI द्वारा जारी की गई BESS निविदा को भी विवादों का सामना करना पड़ा।

SECI के भविष्य पर सवाल

आरपी गुप्ता की बर्खास्तगी के बाद SECI और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र का भविष्य अब अधिक अनिश्चित हो गया है। इस फैसले के बाद न केवल SECI की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि यह भी देखा जाएगा कि इस बदलाव से RE परियोजनाओं के विकास पर क्या असर पड़ेगा।

Leave a comment