डिजिटल अरेस्ट का नया मामला सामने आया है, जहां IIT बॉम्बे के एक 25 साल के छात्र से करीब 7.29 लाख रुपये की ठगी की गई है। यह स्कैम एक अनजान कॉल से शुरू हुआ, जिसमें खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का अधिकारी बताने वाले स्कैमर ने छात्र को मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाकर उसके पैसे हड़पने की कोशिश की।
कैसे शुरू हुआ Digital Arrest का स्कैम?
यह घटना जुलाई 2023 की है, जब छात्र के पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने अपने आपको TRAI का अधिकारी बताते हुए कहा कि छात्र के मोबाइल नंबर पर 17 अवैध गतिविधियों की शिकायत दर्ज की गई हैं। उसे बताया गया कि अगर वह अपना नंबर डिएक्टिवेट होने से बचाना चाहता है, तो उसे पुलिस नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना होगा।
वीडियो कॉल के जरिए बढ़ा स्कैम
इसके बाद, स्कैमर ने खुद को पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया और व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए छात्र को धमकाया। आरोपी ने छात्र से उसका आधार कार्ड नंबर मांगा और उसे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में फंसा देने की धमकी दी। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसे यूपीआई के जरिए 29,500 रुपये ट्रांसफर करने को कहा गया
स्कैमर ने कैसे 7 लाख रुपये निकाल लिए?
स्कैमर ने छात्र को बताया कि वह किसी से संपर्क नहीं कर सकता और उसे पैसे जमा करने के लिए दबाव डाला। छात्र ने अपनी बैंक डिटेल्स शेयर की, जिसके बाद स्कैमर ने एक के बाद एक कॉल्स कर उसे और पैसे भेजने को कहा। धीरे-धीरे स्कैमर ने छात्र से कुल 7 लाख रुपये निकाल लिए।
छात्र को कब समझ में आया कि वह ठगा गया?
इस पूरी प्रक्रिया के बाद, स्कैमर ने छात्र को आश्वासन दिया कि वह अब सुरक्षित है और उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। लेकिन कुछ समय बाद छात्र ने डिजिटल अरेस्ट के बारे में जानकारी प्राप्त की और उसे एहसास हुआ कि वह एक बड़े स्कैम का शिकार हो चुका है। इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस कार्रवाई और जागरूकता
इस घटना के बाद पुलिस ने स्कैमर की तलाश शुरू कर दी है। डिजिटल अरेस्ट जैसे नए तरह के स्कैम तेजी से फैल रहे हैं, और इनसे बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। विशेष रूप से, ऐसी कॉल्स से सतर्क रहने की सलाह दी जाती है, जिसमें अजनबी व्यक्ति खुद को सरकारी या पुलिस अधिकारी बताकर पैसे की मांग करता है।
डिजिटल अरेस्ट: एक नया स्कैम
यह डिजिटल अरेस्ट का मामला पहले से ही चर्चा में है, और कई अन्य लोगों को भी इससे सतर्क किया जा रहा है। डिजिटल अरेस्ट एक ऐसा स्कैम है, जिसमें अपराधी खुद को किसी एजेंसी या पुलिस अधिकारी के रूप में पेश कर लोगों से पैसे ठगने की कोशिश करते हैं। इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए, सरकार और पुलिस विभाग ऐसे मामलों से निपटने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं।
यह घटना एक चेतावनी है कि लोग किसी भी अनजान कॉल या संदेश से सतर्क रहें और कभी भी अपनी बैंक डिटेल्स या अन्य व्यक्तिगत जानकारी अनजान लोगों से साझा न करें।