Akhilesh Yadav: महाराष्ट्र में अखिलेश यादव का मास्टरस्ट्रोक, खरगे-उद्धव और शरद पवार रहे पीछे

Akhilesh Yadav: महाराष्ट्र में अखिलेश यादव का मास्टरस्ट्रोक, खरगे-उद्धव और शरद पवार रहे पीछे
Last Updated: 7 घंटा पहले

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 149 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 132 सीटों पर पार्टी ने बढ़त बनाई या जीत हासिल की। इसका मतलब है कि बीजेपी का सफलता दर 88 प्रतिशत से भी अधिक रहा।

Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं, और शुरुआती रुझानों के मुताबिक बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट), और एनसीपी (अजित पवार) का गठबंधन महायुति ने शानदार जीत हासिल की है। बीजेपी ने सबसे बड़ी पार्टी बनकर अपनी स्थिति मजबूत की है, लेकिन इस चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) ने सभी को चौंका दिया।

बीजेपी की बहुमत की ओर मजबूत बढ़त

बीजेपी ने महाराष्ट्र में 149 सीटों पर चुनाव लड़ा और 132 सीटों पर या तो जीत या आगे चल रही है। इसका सक्सेस रेट 88 प्रतिशत से भी ज्यादा रहा, जो पार्टी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। शिंदे गुट की शिवसेना ने 81 सीटों पर चुनाव लड़ा और 67 प्रतिशत सक्सेस रेट से 55 सीटें हासिल कीं। वहीं, अजित पवार की एनसीपी ने 69.4 प्रतिशत के सक्सेस रेट से 59 में से 41 सीटें जीतीं।

अखिलेश यादव की सपा ने विपक्षी पार्टियों को किया पीछे

महाराष्ट्र में बीजेपी और महायुति की भारी जीत के बीच, सपा ने विपक्षी दलों को चौंका दिया। यूपी की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने महाराष्ट्र चुनाव में अपनी किस्‍मत आजमाई थी और 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इनमें से 2 सीटों पर सपा को जीत मिली। पार्टी ने 22.2 प्रतिशत के सक्सेस रेट से दो सीटों पर विजय प्राप्त की, जो कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, और शरद पवार की एनसीपी से बेहतर है।

कांग्रेस और शिवसेना की स्थिति कमजोर

कांग्रेस ने 101 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 16 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। कांग्रेस का सक्सेस रेट 15.8 प्रतिशत रहा। वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने 95 सीटों पर चुनाव लड़ा और 22.1 प्रतिशत के सक्सेस रेट से सिर्फ 21 सीटें जीतने में सफल रही। शरद पवार की एनसीपी के लिए यह चुनाव सबसे खराब साबित हुआ। पार्टी ने 11 प्रतिशत के सक्सेस रेट से सिर्फ 10 सीटों पर जीत दर्ज की।

नतीजों ने सपा के प्रभाव को किया साबित

सपा की बढ़त ने साबित कर दिया कि पार्टी न केवल उत्तर प्रदेश में, बल्कि महाराष्ट्र में भी अपनी पैठ बनाने में सफल रही है। पार्टी ने छोटे क्षेत्रीय दलों को पछाड़ते हुए यह साकारात्मक संदेश दिया कि वह भविष्य में अन्य राज्यों में भी अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ा सकती है।

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