भारत-श्रीलंका संबंध! चीन को बड़ा झटका, श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत को दिया बड़ा वादा

भारत-श्रीलंका संबंध! चीन को बड़ा झटका, श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत को दिया बड़ा वादा
Last Updated: 16 दिसंबर 2024

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने भारत के दौरे के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात में आश्वासन दिया कि वह अपने क्षेत्र का उपयोग भारत की सुरक्षा को हानि पहुंचाने के लिए नहीं करेगा, जो चीन की टेंशन को बढ़ा सकता है।

New Delhi: श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका इस समय भारत के दौरे पर हैं। नई दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रीलंका अपनी जमीन का उपयोग भारत के खिलाफ नहीं करेगा, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती की संभावना है।

श्रीलंका का चीन को संदेश

श्रीलंका के राष्ट्रपति ने चीन को साफ संदेश दिया है कि कोलंबो की ओर से किसी भी तरह की गतिविधियों से भारत की सुरक्षा को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। इस बयान से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है।

कोलंबो की स्थिति और चीन की चुनौती

चीन ने हंबनटोटा बंदरगाह पर अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ाई है, जो हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। श्रीलंका के इस वादे से यह स्पष्ट होता है कि कोलंबो चीन के साथ अपने संबंधों को संतुलित रखना चाहता है।

चीनी जहाजों की रणनीतिक तैनाती

पिछले दो वर्षों में चीनी जहाजों की तैनाती ने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी है। हंबनटोटा बंदरगाह पर चीनी जहाजों का नियमित प्रवेश और वहां की सैन्य उपस्थिति भारत की सुरक्षा के लिए जोखिमपूर्ण साबित हो सकता है।

दोनों देशों की स्थिति स्पष्ट

श्रीलंका ने स्पष्ट किया है कि वह अपने क्षेत्र का उपयोग भारत की सुरक्षा के खिलाफ नहीं करेगा। इस वादे से दोनों देशों के बीच संबंधों में स्थिरता आ सकती है और नई दिल्ली को यह विश्वास दिलाने में मदद मिल सकती है कि श्रीलंका अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा।

पीएम मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति की बातचीत

सोमवार को हुई बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से चर्चा की और आपसी सहयोग को मजबूत बनाने के लिए नए समझौतों की संभावना को खोला। दोनों देशों ने सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंधों को भी और मजबूती देने पर बल दिया।

Leave a comment