Bihar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज बिहार दौरा, नालंदा यूनिवर्सिटी के परिसर का करेंगे उद्घाटन, बिहार को मिलेगी बड़ी सौगात

Bihar: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज बिहार दौरा, नालंदा यूनिवर्सिटी के परिसर का करेंगे उद्घाटन, बिहार को मिलेगी बड़ी सौगात
Last Updated: 19 जून 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानि बुधवार (19 जून) को बिहार का दौरा करेंगे। जहां मगध साम्राज्य की राजधानी राजगीर में स्थित नालंदा यूनिवर्सिटी के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे। बताया जा रहा है कि इस लोकार्पण समारोह में विदेश मंत्री एस जयशंकर और 17 भागीदार देशों के राजदूत भी शामिल होंगे।

PM Modi Bihar Visit: प्रधानंमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरी बार पीएम बनने के बाद बिहार का पहला दौरा है। पीएम मोदी आज (19 जून) बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नये परिसर का उद्घाटन करने जा रहे हैं। जहां कैंपस के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर और 17 देशों के राजदूत शामिल होंगे। बता दें कि वर्ष 2016 में, नालंदा के खंडहरों को संयुक्त राष्ट्र विरासत स्थल के रूप में घोषित किया गया था, इसके बाद 2017 में विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य शुरू किया गया।

कार्यक्रम में 17 देशों के राजदूत लेंगे भागीदारी

subkuz.com को मिली जानकरी के अनुसार, आज बुधवार को होने वाले उद्घाटन कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर और 17 देशों के राजदूतों के इसमें शामिल होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि नालंदा विश्वविद्यालय में भारत के अलावा 17 अन्य देशों की भी भागीदारी है जिनमें ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान,  लाओस, मॉरीशस, म्यांमार, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, श्रीलंका, थाईलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और वियतनाम शामिल है।

सूत्रों के मुताबिक, विश्वविद्यालय के समर्थन में इन देशों ने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा आने वाले सेशन में PHD कोर्स के लिए कई देशों के छात्रों ने अपना आवेदन भी दिया है। बताया गया कि नालंदा विश्वविद्यालय की तरफ से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए 137 स्कॉलरशिप निकाली गई हैं।इस विश्वविद्यालय में बौद्ध अध्ययन, इतिहास, फिलॉसफी, तुलनात्मक धर्म, पारिस्थितिकी और पर्यावरण स्टडीज और मैनेजमेंट के अध्ययन के लिए अलग-अलग स्कूलों का निर्माण किया गया है।

नए कैंपस की स्थापना

बता दें कि बिहार के नालंदा यूनिवर्सिटी का नया कैंपस नालंदा के प्राचीन विश्वविद्यालय के खंडहरों के पास बनाया गया है। इस नये कैंपस की स्थापना नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 भारतीय सरकार कानून के माध्यम से की गई है। जानकारी के अनुसार इसकी स्थापना के लिए इस अधिनियम के तहत फिलीपींस में आयोजित 2007 के दूसरे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में लिए गए फैसले को लागू करने का निर्णय किया गया है।

प्राचीन नालंदा का इतिहास

सूत्रों के अनुसार, लगभग 1600 साल पहले नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना 5वीं सदी में की गई थी। प्राचीन यूनिवर्सिटी में से यह दुनियाभर के छात्रों के लिए यह एक आर्कषण का केंद्र थी। विशेषज्ञों के अनुसार, 12वीं शताब्दी में आक्रमणकारियों ने इस विश्वविद्यालयों को तहस - नहस कर दिया था। इस यूनिवर्सिटी की नींव गुप्त राजवंश के कुमार गुप्त प्रथम ने रखी थी।

5वीं सदी में निर्मित प्राचीन विश्वविद्यालय में करीब 10 हजार छात्र अध्यन करते थे, जिनके लिए 1500 अध्यापक हुआ करते थे। यहां पढ़ने वाले छात्रों में अधिकांश एशियाई देशों चीन, कोरिया और जापान से आने वाले बौद्ध भिक्षु शामिल होते थे। इतिहासकारों के अनुसार, चीनी भिक्षु ह्वेनसांग ने भी 7वीं सदी में नालंदा में शिक्षा ग्रहण की थी। बताया जा रहा है कि यह बौद्ध के दो सबसे अहम केंद्रों में से एक था।

नालंदा यूनिवर्सिटी का नया कैंपस

प्राचीन और प्रसिद्ध इस नालंदा यूनिवर्सिटी में नए परिसर यानि कैंपस का निर्माण किया गया है। जिसका उद्घाटन करने के लिए पीएम मोदी आज बिहार रहें हैं। इस परिसर में दो अकेडमिक ब्लॉक हैं, जिनमें 40 Classroom हैं। यहां पर कुल 1900 बच्चों के बैठने की व्यवस्था की गई है।

इसके अलावा यूनिवर्सिटी में दो ऑडिटोरयम भी हैं जिसमें 300 सीटे व्यवस्थित हैं, इंटरनेशनल सेंटर और एम्फीथिएटर का भी निर्माण किया गया है, जहां 2000 लोगों के बैठने की क्षमता है। यहां छात्रों के लिए फैकल्टी क्लब और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स सहित कई अन्य सुविधाए भी उपलब्ध कराई गई हैं। बता दें कि नालंदा यूनिवर्सिटी का न्यू कैंपस 'NET ZERO' कैंपस हैं।  

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