Birth Anniversary of Smt. Indira Gandhi: श्रीमती इंदिरा गांधी के भारतीय राजनीति में उनके योगदान और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका

Birth Anniversary of Smt. Indira Gandhi: श्रीमती इंदिरा गांधी के भारतीय राजनीति में उनके योगदान और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका
Last Updated: 2 दिन पहले

भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री, श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती 19 नवंबर को मनाई जाती है। यह दिन उनके भारतीय राजनीति में योगदान और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को याद करने का अवसर होता है। इंदिरा गांधी ने न केवल देश की राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाई, बल्कि उन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका नेतृत्व, दृढ़ संकल्प और समाज के विभिन्न पहलुओं में सुधार के लिए किए गए प्रयास भारतीय इतिहास में अमिट रहे हैं।

जीवन और कैरियर श्रीमती इंदिरा गांधी

  • प्रारंभिक जीवन

इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। वे जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू की एकमात्र संतान थीं। उनके परिवार का राजनीतिक इतिहास बहुत समृद्ध था, और उनका पालन-पोषण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं के बीच हुआ। उनके पिता, पं. जवाहरलाल नेहरू, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और बाद में भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। बचपन से ही इंदिरा गांधी का झुकाव राजनीति और समाज सेवा की ओर था, लेकिन उन्होंने अपनी शिक्षा में भी गहरी रुचि दिखाई।

इंदिरा गांधी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शांति निकेतन से प्राप्त की, और बाद में स्विट्जरलैंड और इंग्लैंड में शिक्षा प्राप्त करने के लिए गईं। वे इंग्लैंड में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक (BA) की डिग्री प्राप्त करने के बाद आगे की शिक्षा के लिए बर्लिन विश्वविद्यालय भी गईं।

  • राजनीतिक जीवन की शुरुआत

इंदिरा गांधी की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ने के बाद हुई। उन्हें राजनीति में गहरी रुचि थी, और उन्होंने अपने पिता के साथ स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। पं. नेहरू के साथ उनका करीबी संबंध था, और वे अक्सर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के बारे में उनकी राय और मार्गदर्शन प्राप्त करतीं थीं।

प्रधानमंत्री बनने की यात्रा

इंदिरा गांधी ने 1966 में भारतीय राजनीति के शिखर पर कदम रखा, जब वे भारत की प्रधानमंत्री बनीं। पं. जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हें नेता के रूप में चुना, और इस प्रकार वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।

इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने भारत की आंतरिक और बाह्य नीतियों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए। उनकी कार्यशैली मजबूत और संकल्पित थी। उन्होंने गरीबी उन्मूलन, कृषि सुधार, और औद्योगिकीकरण को प्राथमिकता दी। उनका सबसे महत्वपूर्ण निर्णय 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत की विजय थी, जो बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम के रूप में समाप्त हुआ।

आपातकाल (1975-77)

इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके शासनकाल में एक विवादास्पद दौर आया, जिसे "आपातकाल" के नाम से जाना जाता है। 1975 में, उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 का उपयोग करके आपातकाल की घोषणा की। यह कदम उन्होंने देश में बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता और उनकी सत्ता के खिलाफ उठ रहे विरोध को दबाने के लिए उठाया था। हालांकि, आपातकाल के दौरान मीडिया पर कड़ी रोक और विपक्षी नेताओं को हिरासत में लेने के कारण उनकी आलोचना भी हुई। हालांकि, 1977 में जब चुनाव हुए, तो इंदिरा गांधी की पार्टी हार गई और उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

प्रधानमंत्री पद पर पुनः वापसी और अंतिम कार्यकाल

1980 में हुए चुनावों में इंदिरा गांधी ने कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत दिलाया और वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं। इस कार्यकाल के दौरान, उन्होंने देश की सुरक्षा और आंतरिक अस्थिरता को सुलझाने के लिए कई निर्णय लिए। 1984 में ऑपरेशन ब्लूस्टार के तहत सिखों के पवित्र धार्मिक स्थल, स्वर्ण मंदिर, में सैन्य कार्रवाई की गई, जिसका परिणाम पंजाब में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा के रूप में हुआ। इसके बाद, 31 अक्टूबर 1984 को उन्हें उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।

उपलब्धियां और योगदान इंदिरा गांधी की प्रधानमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ 

भारत-चीन युद्ध (1962) उन्होंने चीन के साथ युद्ध के बाद भारत की सुरक्षा को फिर से मजबूत किया।

1971 भारत-पाक युद्ध पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत की जीत के बाद बांग्लादेश का स्वतंत्रता प्राप्त हुआ।

हरित क्रांति (Green Revolution) कृषि क्षेत्र में सुधार की दिशा में उन्होंने कई योजनाओं की शुरुआत की, जिससे भारत में खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई।

औद्योगिकीकरण उन्होंने भारतीय उद्योगों के राष्ट्रीयकरण की नीति को बढ़ावा दिया और सरकारी नियंत्रण को मजबूत किया।

महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष इंदिरा गांधी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाओं का समर्थन किया, और समाज में उनके अधिकारों को बढ़ावा दिया।

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