झारखंड में पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को होना है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का संकल्प पत्र जारी कर दिया है। इस संकल्प पत्र में 300 यूनिट मुफ्त बिजली समेत कई महत्वपूर्ण वादों का उल्लेख है। शाह के साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और अन्य नेता भी मौजूद रहे।
Jharkhand Election: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है, जिसे 'संकल्प पत्र' नाम दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के लिए 'संकल्प पत्र' का विमोचन किया। इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, संजय सेठ और भाजपा झारखंड के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी उपस्थित रहे।
भविष्य सुरक्षित करने का चुनाव: अमित
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान कहा कि यह चुनाव केवल सरकार बदलने का नहीं, बल्कि झारखंड के भविष्य को सुरक्षित करने का चुनाव है। उन्होंने झारखंड की महान जनता से अपील की कि उन्हें तय करना है कि क्या उन्हें घुसपैठ वाली सरकार चाहिए या सुरक्षा सुनिश्चित करने वाली सरकार। शाह ने कहा कि क्या वे ऐसी सरकार चाहते हैं जो झारखंड की अस्मिता को खतरे में डाले या ऐसी भाजपा सरकार जो परिंदा भी पर न मार सके, ऐसी सरहद की सुरक्षा करे।
झारखंड के लोगों की उम्मीदों पर आधारित है संकल्प पत्र
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र झारखंड के करोड़ों निवासियों के साथ बातचीत के आधार पर तैयार किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह संकल्प पत्र झारखंडवासियों की उम्मीदों का प्रतीक है। शाह ने आदिवासियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने कहा, "हम आदिवासियों की जमीन, रोटी और बेटी की रक्षा करेंगे। भाजपा ने अपने सभी संकल्पों को पूरा किया है, जबकि हेमंत सोरेन सरकार ने सभी योजनाओं को ठप कर दिया है।"
झारखंड को बीजेपी ने बनाया, अब इसे संवारने का कार्य करेगी पार्टी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाजपा ने झारखंड का गठन किया है और अब वही इसे संवारने का काम करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा का संकल्प पत्र गरीबों के कल्याण, युवाओं के भविष्य और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दों पर केंद्रित है।
शाह ने पिछले पांच वर्षों में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार राज्य को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य की जनता, आदिवासी समुदाय और खासकर यहां की बेटियां असुरक्षित महसूस कर रही हैं।
हेमंत सरकार ने विकास योजनाओं को कर दिया ठप्प
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार ने नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा शुरू की गई सभी विकास योजनाओं को रोक दिया है। उन्होंने कहा, "हम झारखंड के विकास, सुरक्षा और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए कृतसंकल्प हैं। हेमंत सोरेन सरकार में किसी को भी सुरक्षा का एहसास नहीं है।"
शाह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी हमेशा से पिछड़ों के खिलाफ रही है, जबकि मोदी सरकार ने पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू कर उनकी स्थिति को मजबूत किया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एक आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति बनाकर आदिवासियों की गरिमा बढ़ाई गई है।
शाह ने आगे कहा, "हेमंत सोरेन 1.36 लाख करोड़ रुपये का हिसाब केंद्र सरकार से मांगते हैं। उनकी बातें सुनकर मुझे हंसी आती है। यूपीए सरकार ने 2004 से 2014 के बीच झारखंड को केवल 84,000 करोड़ रुपये दिए, जबकि मोदी जी ने पिछले 10 वर्षों में 3 लाख 8 हजार करोड़ रुपये की सहायता दी है।"
केंद्रीय गृह मंत्री ने लगाया आरोप
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया है कि झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने घुसपैठियों को संरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि बलात्कार के मामलों में 42 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इस तरह, सोरेन सरकार महिलाओं की सुरक्षा में पूरी तरह विफल साबित हुई है।
शाह ने सोरेन पर हमला करते हुए कहा, "हेमंत सोरेन ने 5 लाख युवाओं को प्रतिवर्ष नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन अब, मैं आपसे केवल 5 लाख युवाओं की सूची मांगने आया हूं।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घुसपैठियों को पनाह देने का उद्देश्य उनके वोट बैंक को बनाए रखना है। इस स्थिति के कारण, आदिवासियों की संख्या घट रही है और राज्य की जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है, जबकि सोरेन सरकार अपनी धुन में मस्त है।
प्रमुख वादे जो 'संकल्प पत्र' में हैं शामिल
गोगो दीदी योजना: हर महिला को प्रति माह 2100 रुपये की वित्तीय सहायता।
सिलेंडर वितरण: दिवाली और रक्षाबंधन पर एक-एक मुफ्त सिलेंडर।
रोजगार का सृजन: पांच साल में 5 लाख रोजगार।
सरकारी नौकरियों की भर्ती: 287,500 सरकारी पदों पर भर्ती।
आवास योजना: हर गरीब को पांच साल में पक्का मकान।
जांच आयोग का गठन: कुशासन और भ्रष्टाचार की जांच के लिए।
नए मेडिकल कॉलेज: 10 नए सरकारी मेडिकल कॉलेज और हर जिले में एक नर्सिंग प्रशिक्षण कॉलेज।
धान खरीद: धान की खरीद को 3100 रुपये प्रति क्विंटल करना।