दिल्ली चुनाव में AAP को झटका लगा, लेकिन कालकाजी से मुख्यमंत्री आतिशी ने जीत दर्ज कर पार्टी की लाज बचाई। मनीष सिसोदिया जंगपुरा से हार गए, कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा।
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के रमेश बिधूड़ी को हराकर आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रतिष्ठा बचाई। इस सीट पर मुकाबला काफी रोमांचक रहा, जहां कभी आतिशी आगे तो कभी बिधूड़ी बढ़त लेते दिखे। हालांकि, अंतिम तीन राउंड की गिनती के दौरान आतिशी ने निर्णायक बढ़त बनाई और लगभग 3000 वोटों से जीत हासिल की।
AAP की ‘लाज’ बचाने में सफल रहीं आतिशी
दिल्ली चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी को कई बड़े झटके लगे। पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता चुनाव हार गए, जिससे पार्टी को भारी नुकसान हुआ। लेकिन आतिशी ने कालकाजी से जीत दर्ज कर AAP को राहत दी। शुरुआती रुझानों में रमेश बिधूड़ी और आतिशी के बीच कड़ा मुकाबला रहा, लेकिन अंतिम नतीजों में आतिशी ने बीजेपी प्रत्याशी को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी।
कांग्रेस को लगा तगड़ा झटका
कालकाजी सीट पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर रही, लेकिन कांग्रेस इस मुकाबले से लगभग बाहर रही। कांग्रेस ने यहां से राष्ट्रीय महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा को उतारा था, लेकिन उन्हें जनता ने पूरी तरह नकार दिया। कांग्रेस यहां 5000 वोट भी नहीं जुटा पाई, जिससे साफ है कि पार्टी का जनाधार लगातार घटता जा रहा है।
दिल्ली चुनाव में AAP को बड़ा नुकसान
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को कई सीटों पर करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। इस बार के नतीजे AAP के लिए निराशाजनक रहे, क्योंकि पार्टी के बड़े नेता अपनी सीटें नहीं बचा सके। हालांकि, आतिशी की जीत से पार्टी को थोड़ी राहत जरूर मिली है।
मनीष सिसोदिया ने अपनी हार को किया स्वीकार
जंगपुरा सीट से चुनाव हारने के बाद मनीष सिसोदिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
"जंगपुरा की जनता ने हमें बहुत प्यार दिया, लेकिन हम लगभग 600 वोटों से पीछे रह गए। हम विजयी उम्मीदवार को बधाई देते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह जनता की समस्याओं को हल करेंगे।"
दिल्ली विधानसभा चुनाव की सभी 70 सीटों पर 5 फरवरी को मतदान हुआ था। अब नतीजे लगभग स्पष्ट हो चुके हैं, और भाजपा सत्ता की ओर बढ़ती दिख रही है। AAP के लिए यह चुनाव कई सबक लेकर आया है, जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।