Digital Arrest: ठग ने स्कैम का बनाया नया तरीका, चार दिन में बुजुर्ग से ठगे 30 लाख रुपये, क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर महिला ने की जालसाजी

Digital Arrest: ठग ने स्कैम का बनाया नया तरीका, चार दिन में बुजुर्ग से ठगे 30 लाख रुपये, क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर महिला ने की जालसाजी
Last Updated: 09 अगस्त 2024

उत्तर -प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी के पद से सेवानिवृत हुए बुजुर्ग कर्मचारी के साथ साइबर जालसाजों ने 30 लाख रुपये की ठगी की। जालसाज महिला ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच की अधिकारी बताया था।

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के रामगढ़ताल क्षेत्र के सिद्धार्थ इंक्लेव में रहने वाले विजेंद्र कुमार पांडेय को जालसाजों ने चार दिन डिजिटल अरेस्ट करके 30 लाख रुपये ठग लिए। बता दें मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताकर जालसाजों ने पीड़ित को मनी लांड्रिंग का डर दिखाया और उन्हें लगातार प्रताड़ित करते रहे। पीड़ित ने साइबर अपराध थाने में बुधवार को केस दर्ज कराया। उसके बाद पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई। बता दें विजेंद्र कुमार हाल ही में स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी के पद से सेवानिवृत हुए हैं।

जालसाजों ने कैसे दिया ठगी को अंजाम?

विजेंद्र कुमार ने पुलिस को शिकायत में बताया कि एक जुलाई 2024 को उनके मोबाइल फोन पर सुबह 9:37 बजे अनजान नंबर से काल आई। कॉल रिसीव करते ही उसने कहां कि एसबीआइ कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट से बोल रहा हूं। आपके क्रेडिट कार्ड पर पिछले कुछ समय से एक लाख 96 हजार रुपये बकाया चल रहा है। मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी को इसकी रिकवरी के लिए भेज दिया गया है। मैं आपको क्राइम ब्रांच अधिकारी सोनल कुमारी राठौर का नंबर भेज रहा हूं, उनसे बात करके मामला सुलझा लें।

पीड़ित बुजुर्ग ने कहां कि वह तो मुंबई में रहते हैं और ही उनके पास कोई क्रेडिट कार्ड है। इसके बाद उसने कहां कि फिर भी एक बार आप बात कर लें, वरना क्राइम ब्रांच की टीम आपके घर जाएगी। इसके बाद जब पीड़ित ने दिए गए नंबर पर फोन किया तो उन्हें बताया गया कि उनके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया गया हैं। केनरा बैंक अधिकारी सुरेश कुमार के मनी लांड्रिंग मामले में उनका भी नाम शामिल है। उसके बाद उनके पास उसी नंबर से वीडियो काल आई।

महिला ने क्राइम ब्रांच अधिकारी  बनकर की ठगी

पीड़ित ने बताया कि वीडियों कॉल के दौरान एक महिला पुलिस की वर्दी पहनकर बैठी हुई थी। उसके पीछे की दीवार पर बड़ा सा क्राइम ब्रांच मुंबई का लोगो भी लगा हुआ था। महिला पुलिस द्वारा मांगने पर उन्होंने वाट्सएप पर आधार कार्ड भेजा। जिसे देखने के बाद महिला ठग ने कहां कि इस केस में पीड़ित का नाम शामिल हैं। आप हमारे साथ कोपरेट करें, वरना क्राइम ब्रांच आपको घर से उठाकर मुंबई ले आएगी।

बता दें इस बात से बुजुर्ग व्यक्ति काफी ज्यादा डर गया और उनकी मदद करने के लिए तैयार हो गए। महिला के कहने पर हर घंटे वीडियो काल करके वह अपना अपडेट उसे देते रहे। इसी बीच महिला ने उनसे बैंक में जमा रुपये और बैंक डिटेल भेजने के लिए कहां था। साथ में एक सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगा लेटर भेजा, जिसमे एक बैंक का खाता नंबर रुपये जमा करने के लिए दिया गया। पीड़ित को बताया कि तहकीकात के बाद आरबीआइ रुपये लौटा देगी।

विजेंद्र ने बताया कि तीन से चार बार में बैंक में जमा रुपये और बेटे खुद के नाम की एफडी तुड़वाकर कुल 30 लाख रुपये उन्होंने महिला द्वारा भेजे गए अकाउंट नंबर पर भेज दिया। पीड़ित ने बताया कि एक जुलाई से चार जुलाई तक वह हर घंटे वाट्सएप के माध्यम से जालसाजों को अपडेट देते रहे। इसके बाद उधर से (ठग की ओर से) कोई जवाब नहीं आया।

एसपी ने घटना को लेकर क्या कहां?

एसपी (सुपिरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहां कि डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार बढ़ रहे है। साइबर थाने में अब तक पांच शिकायत दर्ज हो चुकी हैं। इसमें से दो लिखित रूप से दी गई हैं। सेवानिवृत स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी विजेंद्र कुमार के साथ भी साइबर अपराधियों ने इसी प्रकार से ठगी की है। एसपी ने कहां कि ऐसे मामलो को लेकर लोगों को खुद जागरूक होना पड़ेगा। पीड़ित की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया गया है और पुलिस डिटेल लेकर अपराधियों का पता लगाने में जुट गई हैं।

 

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