Maharashtra Election 2024: भाजपा ने बजाया बिगुल, महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे पर संजय राउत का बड़ा बयान!

 Maharashtra Election 2024: भाजपा ने बजाया बिगुल, महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे पर संजय राउत का बड़ा बयान!
Last Updated: 1 दिन पहले

महाअघाड़ी दल के सीट बंटवारे पर जब शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत से पूछा गया कि क्या कांग्रेस के कारण सीट शेयरिंग में देरी हो रही है, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कुछ नहीं है। आज शाम तक सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे। कांग्रेस का आलाकमान दिल्ली में है, और वहीं पर महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते हैं।

Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है! भाजपा ने रविवार को अपनी पहली उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी, जिसमें 99 नाम शामिल हैं। महायुति गठबंधन में सीटों का बंटवारा लगभग तय हो चुका है। हालांकि, विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी में सीटों का बंटवारा अभी तक पूरी तरह से तय नहीं हो पाया है।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस राज्य में सबसे ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है, जिस पर NCP (शरद गुट) और शिवसेना (UBT) सहमत नहीं हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर इन दोनों दलों में मतभेद चल रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि महाविकास आघाड़ी इस विवाद का समाधान कैसे निकालती है और चुनावों में अपनी रणनीति कैसे बनाती है।

सीट बंटवारे पर संजय राउत ने किया बड़ा बयान!

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने सीट बंटवारे को लेकर आज एक बड़ा बयान दिया है। कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे में देरी होने के सवाल पर राउत ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आज शाम तक सभी मुद्दे सुलझ जाएंगे। "कांग्रेस का आलाकमान दिल्ली में है।

मिलकर मुद्दों का समाधान निकालेंगे- संजय

संजय राउत ने आगे कहा कि भाजपा और शिंदे गुट के नेता भी दिल्ली में हैं। उनका सर्वोच्च नेतृत्व दिल्ली में ही है। उन्हें बार-बार दिल्ली जाना पड़ता है। हम इस बारे में क्या कर सकते हैं? हालांकि, हम मिलकर बैठकर सभी मुद्दों का समाधान निकालेंगे।

सभी को त्याग करना चाहिए

संजय राउत ने कहा, "हम सालों से राजनीति में हैं, हर पार्टी को लगता है कि उनके कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। लेकिन यह गठबंधन है। अपनी भूमिका के बारे में बोलने का अधिकार है, लेकिन सीट बंटवारे की बात आती है, तो सभी को कुछ त्याग करना पड़ता है और एक कदम पीछे हटना पड़ता है।" उनके अनुसार, गठबंधन में हर पार्टी की अपनी महत्वाकांक्षाएं होती हैं, लेकिन सामूहिक हित के लिए कुछ त्याग करना ज़रूरी है।

सीट बंटवारे के दौरान, हर पार्टी अपनी मांग रखती है, लेकिन एक समझौते तक पहुँचने के लिए सभी को कुछ कुछ समझौता करना होता है। राउत का यह बयान गठबंधन राजनीति की वास्तविकता को दर्शाता है, जहाँ व्यक्तिगत हितों को सामूहिक हितों के आगे रखना पड़ता है।

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