सीएम देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे सरकार के 3,200 करोड़ रुपये के सफाई ठेके को रोक दिया। भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच कई फैसले रद्द हुए, जिससे बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में मतभेद बढ़ने के संकेत मिले।
Maharashtra News: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच राजनीतिक खींचतान बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। फडणवीस ने शिंदे सरकार के दौरान लिए गए एक बड़े फैसले को स्थगित कर दिया है, जिससे गठबंधन में दरार की अटकलें तेज हो गई हैं।
3,200 करोड़ के ठेके पर फडणवीस ने लगाई रोक
शिंदे सरकार के दौरान स्वास्थ्य विभाग के 3,200 करोड़ रुपये के मैकेनिकल सफाई के ठेके को देवेंद्र फडणवीस ने रोक दिया है। यह ठेका पुणे की एक निजी कंपनी को 30 अगस्त 2024 को दिया गया था, जिसमें सालाना 638 करोड़ रुपये की राशि तय की गई थी। कुल तीन सालों के इस प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी कार्य अनुभव वाली कंपनी को यह ठेका दे दिया था। अब फडणवीस सरकार इस फैसले की समीक्षा कर रही है और इसमें हुई कथित अनियमितताओं की जांच हो सकती है।
शिंदे सरकार के कई फैसले रद्द
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने न केवल इस ठेके को रोका, बल्कि शिंदे सरकार के कई अन्य फैसलों को भी स्थगित कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अलावा, अन्य क्षेत्रों में भी शिंदे सरकार की कथित गड़बड़ियों पर फडणवीस सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है।
शिंदे सरकार के दौरान स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों के तबादले और एम्बुलेंस खरीद में भी बड़े घोटाले के आरोप सामने आए हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इन मामलों की गहराई से जांच होगी।
मंत्रियों के ओएसडी और निजी सचिवों की नियुक्ति पर भी रोक
देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे सरकार के मंत्रियों के ओएसडी (Officer on Special Duty) और निजी सचिवों की नियुक्ति पर भी सख्ती दिखाई है। उन्होंने 125 नामों की लिस्ट में से 109 नामों को मंजूरी दी, जबकि 16 नामों को रोक दिया।
फडणवीस ने साफ कहा है कि वह किसी भी दलाल को यह जिम्मेदारी नहीं सौंपेंगे। उनके इस फैसले को विपक्षी गुट उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने भी सराहा है।
शिवसेना (यूबीटी) ने की फडणवीस के फैसले की तारीफ
फडणवीस के इस कदम पर शिवसेना (यूबीटी) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में शासन व्यवस्था को अनुशासित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण फैसला है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि "फडणवीस ने भ्रष्टाचार के नाले की सफाई शुरू कर दी है।"
क्या बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में दरार?
देवेंद्र फडणवीस के इन फैसलों के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच मतभेद गहरे हो रहे हैं। एक ओर फडणवीस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, वहीं दूसरी ओर शिंदे गुट के कई नेता इससे असहज नजर आ रहे हैं।