शिवाजी मूर्ति गिरने के मामले में पुलिस ने स्ट्रक्चरल कंसलटेंट चेतन पाटील को गिरफ्तार किया है। यह मूर्ति सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में पिछले साल नौसेना दिवस (4 दिसंबर) पर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई थी। प्रतिमा के गिरने के महज आठ महीने बाद इस घटना को लेकर शिंदे सरकार की काफी आलोचना हुई है।
Shivaji Statue Collepse: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति गिरने के मामले में स्ट्रक्चरल कंसलटेंट चेतन पाटील को कोल्हापुर से गिरफ्तार किया गया है। गुरुवार (29 अगस्त) रात को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, और अब सिंधुदुर्ग पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। बता दें कि यह इस मले में पहली गिरफ्तारी है, और इसकी जांचअभी तक जारी है। मूर्ति गिरने के कारणों की पड़ताल के लिए पुलिस यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
शिंदे सरकार पर उठे सवाल
मुंबई पुलिस ने कुछ दिनों पहले शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाने वाले ठेकेदार और स्ट्रक्चरल कंसलटेंट (संरचनात्मक सलाहकार) के खिलाफ मामला दर्ज किया था। यह मूर्ति पिछले साल नौसेना दिवस (4 दिसंबर) पर सिंधुदुर्ग के मालवन तहसील में राजकोट किले में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई थी। मूर्ति के अनावरण के महज आठ महीने बाद ढहने की घटना ने शिंदे सरकार की काफी आलोचना की है। इस घटना को लेकर सभी जिम्मेदार पक्षों की जांच की जा रही है।
आरोपी चेतन पाटिल से की पूछताछ
पूछताछ के दौरान बुधवार को चेतन पाटिल ने दावा किया कि, वे शिवाजी महाराज की मूर्ति के प्रोजेक्ट में स्ट्रक्चरल कंसलटेंट के रूप में नहीं जुड़े थे। बातचीत के दौरान पाटिल ने बताया कि उन्होंने राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) के माध्यम से भारतीय नौसेना को मंच का डिजाइन सौंपा था, लेकिन वे सीधे तौर पर इस प्रोजेक्ट से जुड़े नहीं थे। पाटिल ने कहा, "ठाणे स्थित एक कंपनी ने मूर्ति से संबंधित कार्य किया था। मुझे केवल उस मंच पर काम करने के लिए कहा गया था जिस पर मूर्ति स्थापित की गई थी।"
मूर्ति के गिरने के बाद दावा किया जा रहा है कि इसका निर्माण ठीक ढंग से नहीं किया गया था और इसकी गुणवत्ता काफी खराब थी। संरचना में इस्तेमाल किए गए नट और बोल्ट में जंग लगे हुए थे, जो मूर्ति के गिरने की एक संभावित वजह हो सकते हैं।
विपक्ष ने किया मौन विरोध प्रदर्शन
बता दें कि इस घटना के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) में विपक्षी कार्यकर्ताओं ने राज्य की शिंदे सरकार पर भ्रष्टाचार और मराठा योद्धा का अपमान करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार में शामिल अजित पवार नीत राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) ने इस मुद्दे पर गुरुवार को राज्यभर में मौन विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस प्रदर्शन के जरिए राकांपा ने सरकार को जवाबदेह ठहराने की कोशिश की है और इस मामले में उचित जांच और सजा की अपील की है।