महाराष्ट्र की राजनीति में होली पर बयानबाजी जारी रही। संजय राउत ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे पहले कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे, राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में होली के मौके पर एक बार फिर बयानबाजी का दौर तेज हो गया है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे को लेकर एक बड़ा दावा किया है, जिससे सियासी हलचल मच गई है।
संजय राउत का दावा: शिंदे पहले कांग्रेस में शामिल
शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पहले कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि यह घटना किस वर्ष या महीने में घटी थी।
अहमद पटेल का संदर्भ और राउत की चुप्पी
राउत ने इस मामले में दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल का जिक्र किया और कहा कि चूंकि पटेल अब इस दुनिया में नहीं हैं, इसलिए वे इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते। राउत ने आगे कहा कि इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए पृथ्वीराज चव्हाण से पूछें। लेकिन जब चव्हाण से इस विषय पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
एकनाथ शिंदे और नाना पटोले का राजनीतिक प्रस्ताव
होली मिलन समारोह के दौरान महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने एकनाथ शिंदे और अजीत पवार को मुख्यमंत्री के रोटेशनल पद के वादे के साथ विपक्षी गठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दिया। इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी हलचल को और बढ़ा दिया।
संजय राउत का बयान: राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं
राउत ने इस मुद्दे पर कहा कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2019 में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का गठन किसी ने नहीं सोचा था, और न ही 2022 में शिंदे के नेतृत्व में असंवैधानिक सरकार का गठन हुआ था। राउत ने यह भी कहा कि 2024 में देवेंद्र फडणवीस को पूर्ण बहुमत मिलने का भी किसी को अनुमान नहीं था।
राउत का आरोप
राउत ने एकनाथ शिंदे और अजित पवार पर भाजपा के झंडे उठाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि शिंदे का बालासाहेब ठाकरे के भगवा झंडे से कोई लेना-देना नहीं है, और दोनों नेता भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।