आगरा-दिल्ली रेलमार्ग पर एक मालगाड़ी के पटरी से उतरने से रेल यातायात गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। इस हादसे में 26 वैगन पटरी से उतर गए, जिससे अप-डाउन के साथ ही तीसरी लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। हालांकि चौथी लाइन से ट्रेन संचालन शुरू कर दिया गया है, लेकिन बाकी लाइनों पर मरम्मत का कार्य जारी है। राहत कार्य में 800 रेल कर्मचारी जुटे हुए हैं और 12 जेसीबी तथा क्रेन का भी उपयोग किया जा रहा हैं।
आगरा: दिल्ली-आगरा रेलमार्ग पर बुधवार रात कोयला लदी एक मालगाड़ी के 26 वैगन पटरी से उतर जाने के बाद रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इस हादसे में अप-डाउन के साथ ही तीसरी लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। दुर्घटना के कारण 500 मीटर ट्रैक क्षतिग्रस्त हुआ, और ट्रैक पर लगे 800 स्लीपर भी टूट गए। इसके अलावा, कई ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) लाइनें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं और खंभे टूट गए हैं। राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है, जिसमें 800 रेल कर्मचारियों को लगाया गया है। 12 जेसीबी और क्रेन का भी उपयोग किया जा रहा हैं।
दुर्घटना के बाद वंदे भारत और राजधानी समेत 34 ट्रेनों को रद कर दिया गया, जबकि आठ ट्रेनों को आंशिक रूप से रद किया गया और 42 ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया। रेल अधिकारियों ने स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए प्रयासरत हैं।
हादसे में मालगाड़ी के 26 वैगन पटरी से उतरे
गुरुवार रात 26 घंटे के बाद आगरा-दिल्ली रेलमार्ग पर एक और लाइन को चालू कर दिया गया। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक उपेंद्र चंद्र जोशी ने बताया कि ट्रेन संचालन को जल्द से जल्द सामान्य करने की प्राथमिकता है, और इस दिशा में टीमें जुटी हुई हैं। बुधवार रात आठ बजे हॉट एक्सल के चलते वृंदावन रोड और आझई रेलवे स्टेशन के बीच मालगाड़ी के 26 वैगन पटरी से उतर गए थे। इस दुर्घटना में 10 से अधिक वैगन एक-दूसरे पर चढ़कर पलट गए, जिससे न केवल वैगन बल्कि रेल ट्रैक भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ। वैगन के पलटने से दूसरी लाइन पर भी अवरोध उत्पन्न हुआ, जिसके कारण अप और डाउन लाइनों के साथ-साथ तीसरी लाइन पर भी आवागमन बाधित हो गया।
देर रात आगरा-दिल्ली रूट पर चौथी लाइन से धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन शुरू किया गया। हालांकि, मालगाड़ी में लदा कोयला फैलने और ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के कारण बाकी लाइनों पर ट्रेनों का संचालन शुरू करने में दिक्कत आ रही थी। रात ढाई बजे के बाद राहत कार्य में तेजी आई, और गुरुवार सुबह सवा छह बजे उत्तर मध्य रेलवे के जीएम उपेंद्र चंद्र जोशी भी मौके पर पहुंचे। दिल्ली से इस रूट पर ट्रेन संचालन बंद होने के कारण यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिससे ज्यादातर यात्रियों ने आवागमन के लिए बसों का सहारा लिया।
उप स्टेशन अधीक्षक ने पहियों से चिंगारी निकलने की सूचना
उप स्टेशन अधीक्षक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बुधवार रात 7:54 बजे आगरा से नई दिल्ली जा रही मालगाड़ी के पहियों से चिंगारी निकलने की सूचना कंट्रोल रूम को दी गई थी। इसके तुरंत बाद रात 7:55 बजे तीसरी और चौथी रेल लाइन के अप और डाउन लाइन के ओवर हेड इलेक्ट्रिक (ओएचई) को बंद कर दिया गया। रात 8:16 बजे उप स्टेशन अधीक्षक ने फिर से फोन किया और मालगाड़ी के डिरेल होने की जानकारी दी। रेलवे अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई है। यह स्थिति बहुत गंभीर है, और रेलवे विभाग ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया हैं।
क्या है हाट एक्सल?
सेवानिवृत्त इंजीनियर टीके शर्मा के अनुसार, मालगाड़ी के वैगन में निर्धारित से अधिक माल लदा होना या बेयरिंग की उचित जांच न होना हॉट एक्सल का मुख्य कारण बन सकता है। हॉट एक्सल के दौरान वैगन के पहिए तेजी से गर्म हो जाते हैं, जिससे चिंगारी निकलने लगती है। जब यह स्थिति गंभीर हो जाती है, तो बेयरिंग टूट सकती है। अगर ट्रेन की गति तेज हो, तो ऐसी स्थिति में वैगन पटरी से उतरने का खतरा बढ़ जाता है। इस प्रकार की तकनीकी समस्याएं दुर्घटनाओं का कारण बन सकती हैं, इसलिए नियमित जांच और रखरखाव की आवश्यकता होती हैं।