New Delhi: सिंघु बॉर्डर पर वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के बाद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पूछे कई सवाल, कहा- 'निहत्थे लोगों से किस बात का है डर?

New Delhi: सिंघु बॉर्डर पर वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के बाद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पूछे कई सवाल, कहा- 'निहत्थे लोगों से किस बात का है डर?
Last Updated: 10 घंटा पहले

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के करीब 126 लोगों को दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया है। इस घटना के बाद, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए सवाल किया कि क्या दिल्ली किसी एक व्यक्ति की बपौती हैं।

दिल्ली: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत लद्दाख के करीब 126 लोगों को दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया है। वांगचुक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर दिल्ली की ओर मार्च कर रहे थे। दिल्ली में धारा 144 लागू होने के कारण पांच या अधिक लोग एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते हैं, जिससे उनके मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने यह कार्रवाई की। वांगचुक की गिरफ्तारी ने उनके समर्थकों के बीच नाराजगी और चिंता बढ़ा दी है, जो लद्दाख के अधिकारों की सुरक्षा के लिए संघर्षरत हैं।

केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

दिल्ली पुलिस द्वारा जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के बाद, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर केंद्र सरकार पर सवाल उठाया। केजरीवाल ने कहा, "दिल्ली में आने से कभी किसानों को रोका जाता है, कभी लद्दाख के लोगों को। क्या दिल्ली किसी एक शख्स की बपौती है?" उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे केंद्र सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं, विशेषकर उन लोगों के प्रति जो अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आवाज उठा रहे हैं।

दिल्ली देश की राजधानी है और यह सभी भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। हर किसी को वहाँ आने और अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है। जब निहत्थे और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने वाले लोगों को रोका जाता है, तो यह लोकतंत्र और अधिकारों के लिए चिंता का विषय बन जाता है। इस तरह की कार्रवाई से न केवल लोगों का मनोबल टूटता है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी जाती है। सरकार को चाहिए कि वह अपने नागरिकों की आवाज सुने और उन्हें अपने अधिकारों का प्रयोग करने का अवसर दे।

 

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