राजस्थान में होने वाले सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव में खींवसर सीट पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इस सीट पर पूर्व विधायक हनुमान बेनीवाल ने लगातार चार बार जीत दर्ज की है, और इस बार उनकी पत्नी कनिका बेनीवाल चुनावी मैदान में हैं।
जयपुर: राजस्थान की खींवसर विधानसभा सीट इस बार उपचुनाव के लिए सबसे चर्चित मानी जा रही है, जहां पिछले 16 वर्षों से हनुमान बेनीवाल का एकछत्र राज रहा है। बेनीवाल ने लगातार चार बार चुनाव जीते हैं और एक बार अपने भाई नारायण बेनीवाल को भी इस सीट से विधायक बनवाने में सफलता हासिल की है। इस बार, हनुमान बेनीवाल ने अपनी पत्नी कनिका बेनीवाल को चुनावी मैदान में उतारा है। उनके सामने भाजपा ने रेवंत राम डांगा को दोबारा उम्मीदवार बनाया है, जो पिछले चुनाव में महज 2059 मतों से हार गए थे।
भाजपा का यह कदम इस बात का संकेत है कि वे इस बार खींवसर सीट को अपने पक्ष में लाने के लिए गंभीरता से काम कर रहे हैं। इसके अलावा उपचुनाव से पहले भाजपा ने कांग्रेस में सेंध लगाना शुरू कर दिया है। नागौर कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष सुखबीर सिंह चौधरी सहित कई अन्य नेताओं ने हाल ही में भाजपा का दामन थाम लिया है। ये नेता जयपुर स्थित भाजपा के प्रदेश कार्यालय में शामिल हुए, जिससे भाजपा को इस चुनाव में और मजबूती मिलने की उम्मीद हैं।
इससे साफ है कि खींवसर सीट पर मुकाबला रोचक होने की उम्मीद है, क्योंकि हनुमान बेनीवाल की राजनीतिक पृष्ठभूमि और भाजपा के नए उम्मीदवारों के साथ कांग्रेस के कमजोर पड़ते आधार का असर चुनावी परिणाम पर पड़ेगा।
इन 14 नेताओं ने छोड़ा कांग्रेस का साथ
नागौर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुखवीर सिंह चौधरी ने हाल ही में कांग्रेस से अलविदा लेते हुए भाजपा की सदस्यता ले ली है। उनके साथ नागौर कांग्रेस के कई अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा में शामिल होने वालों में पूर्व जिला परिषद सदस्य और सरपंच राजाराम चौधरी, पूर्व पंचायत समिति सदस्य लादूराम कुदण, यूथ कांग्रेस से मनमोहन चौधरी, विजेंद्र बसवाणा, पंचायत समिति सदस्य भोम सिंह गौड़, तेजाराम चौधरी, और कार्यकर्ता दिनेश वैष्णव, श्रवण बिश्नोई, सुखराम प्रजापत, अमृताराम जाजड़ा, आदुराम लेगा और काजी अतेशानुद्दीन शामिल हैं।
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि...
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेताओं के बारे में कहा कि ये सभी प्रदेश सरकार के कार्यों से संतुष्ट हैं और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा की नीतियों से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद जब इन नेताओं ने खुद को कुंठित महसूस किया, तब उन्होंने भाजपा को बेहतर विकल्प माना और पार्टी की सदस्यता ली।
राठौड़ ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी की गलत नीतियों के कारण उसके मूल कार्यकर्ता पार्टी से दूर हो रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस समाज में गलत धारणाएं फैलाने का काम कर रही है, जिससे उसके कार्यकर्ताओं का मोह भंग हो रहा है। इसके विपरीत, उन्होंने भाजपा को कार्यकर्ता आधारित पार्टी बताया, जहां कार्यकर्ताओं को परिवार के सदस्य की तरह सम्मान दिया जाता है। राठौड़ के अनुसार, इस कारण से कांग्रेस के मूल कार्यकर्ता भाजपा परिवार में शामिल हो रहे हैं।