Shankaracharya: मंदिर-मस्जिद विवाद पर शंकराचार्य का बयान, मोहन भागवत पर उठाए सवाल, जानिए पूरा मामला 

Shankaracharya: मंदिर-मस्जिद विवाद पर शंकराचार्य का बयान, मोहन भागवत पर उठाए सवाल, जानिए पूरा मामला 
Last Updated: 1 दिन पहले

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भागवत को हिंदुओं का दर्द समझ में नहीं आ रहा है, तभी उन्होंने ऐसा बयान दिया है।

Shankaracharya on Mohan Bhagwa: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के मंदिर-मस्जिद विवाद पर दिए गए हालिया बयान पर सियासत तेज हो गई है। इस बयान को लेकर अब एक आध्यात्मिक गुरू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा है कि भागवत को हिंदुओं की वास्तविक स्थिति का अहसास नहीं है, और यही कारण है कि उन्होंने इस तरह का बयान दिया।

'भागवत को हिंदुओं का दर्द समझ में नहीं आता' - शंकराचार्य

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह सच्चाई है कि हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, और मोहन भागवत के बयान से साफ जाहिर होता है कि वह हिंदुओं की दुर्दशा को महसूस नहीं कर पा रहे हैं। उनके अनुसार, भागवत को हिंदुओं के संघर्ष और समस्याओं की गहरी समझ नहीं है।

भागवत का बयान 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने 19 दिसंबर को मंदिर-मस्जिद विवादों पर चिंता जताते हुए कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग इस विवाद को उठाकर ‘हिंदुओं के नेता’ बनने की कोशिश कर रहे हैं।

भागवत ने ये भी कहा कि हमें समाज में समावेशिता बनाए रखनी चाहिए और ऐसे विवादों का समाधान जल्द ढूंढना चाहिए ताकि हम दुनिया को यह दिखा सकें कि हम शांतिपूर्वक एक साथ रह सकते हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का जवाब

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मोहन भागवत के बयान का विरोध करते हुए कहा कि वह हिंदू नेता बनने की इच्छा नहीं रखते, लेकिन जो अन्याय हिंदुओं के साथ हुआ है, उसे ही उठाते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह सिर्फ हिंदुओं के अधिकारों और उनके कष्टों की बात कर रहे हैं, न कि किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए।

सपा नेताओं की प्रतिक्रियां 

भागवत के बयान के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उन पर तंज कसा और कहा कि अगर मोहन भागवत को सद्भाव की अपील करनी है, तो उन्हें इसे भाजपा से करना चाहिए। वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी भागवत के बयान पर आलोचना की और इसे ‘दोहरा मानदंड’ करार दिया।

उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद विवाद

उत्तर प्रदेश में मंदिर-मस्जिद विवादों से संबंधित कई मुकदमे विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं, जिनमें संभल का मामला विशेष रूप से चर्चा में है। इन विवादों को लेकर अब राजनीतिक और धार्मिक नेता अपने-अपने दृष्टिकोण रख रहे हैं, जिससे स्थिति और भी संवेदनशील हो गई है।

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