Traditional Farming: जम्मू कश्मीर के किसानों को रास आ रही 'बैंगनी क्रांति', Essential Oils की बढ़ी बाजार मांग, विस्तार से जानिए इस बैंगनी क्रांति के...

Traditional Farming: जम्मू कश्मीर के किसानों को रास आ रही 'बैंगनी क्रांति', Essential Oils की बढ़ी बाजार मांग, विस्तार से जानिए इस बैंगनी क्रांति के...
Last Updated: 15 जुलाई 2024

देश की पारंपरिक खेती में सुधार लाने और पैदावार बढ़ाने के लिए अब तक कई क्रांतियां चलाई गई और उनका व्यापक व प्रभावशाली असर रहा है.  जैसे कि- हरित क्रांति अनाज से संबंधित थी तथा पीली क्रांति तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए हुई थी। बता दें कश्मीर में एक ऐसी ही क्रांति 'बैंगनी क्रांति' है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को ज्ञान नहीं हैं।

लाइफस्टाइल: देश की पारंपरिक खेती में सुधार लाने और पैदावार बढ़ाने के लिए साल 2007 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अरोमा मिशन के तहत प्रदेश में 'बैंगनी क्रांति' (Purple Revolution) की शुरुआत की थी। जम्मू कश्मीर में आज 20 से ज्यादा जिलों में क्रांति से प्रभावित होकर लैवेंडर की खेती को अहमियत दे रहे हैं, जिसके कारण किसानों की आय में पहले के मुकाबले पांच गुना की वृद्धि हुई है। जम्मू कश्मीर की जलवायु परिस्थितियां यूरोप जैसी शीतोष्ण कटिबंधीय जलवायु और हाई एल्टीट्यूड सॉइल की तरह की है. यह लैवेंडर की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं।

इन देशों में की जाती है लैवेंडर की खेती

जानकारी के मुताबिक लैवेंडर या लैवेन्डुला एक सदाबहार उपजाऊ पौधा है, जिससे एसेंशियल ऑयल (Essential Oil) प्राप्त करने के लिए काफी जगहों पर उगाया जाता है। इसमें से आलिशान खुशबू भी आती है. बता दें एंशिएंट रोमन नहाने में इसका ही इस्तेमाल करते थे। इसे उगाने वाले देशों में बुल्गारिया (Bulgaria), फ्रांस (France) और स्पेन (Spain) का नाम पहले स्थान पर आता है, लेकिन अब भारत भी लगातार इस पौधे की खेती कर आगे बढ़ रहा है। बता दें कि पिछली दो सालों में इंडिया ने 500 टन से ज्यादा एसेंशियल ऑयल का उत्पादन कर तकरीबन 600 मिलियन की कमाई की हैं।

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल का उपयोग

किसानों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक Subkuz.com ने बताया कि लैवेंडर से बने शुद्ध एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जाता है और कई प्रोडक्ट बनाये जाते हैं,  जैसे- Lavender Massage Oil, Lavender Incense, Lavender Face Wash, Lavender Scrubs और Lavender Perfumes बनाये जाते हैं। बता दें, बता दें कि यह सिर्फ एक ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने में ही नहीं है, बल्कि औषधियों और दवाओं से संबंधित  प्रोडक्ट बनाने में भी किया जाता है। लैवेंडर सभी को कुछ न कुछ सामग्री जरूर देता हैं।

जानवर नहीं खाते लैवेंडर की फसल

किसानो ने बताया कि धरती पर कुछ प्राणी ऐसे भी हैं जो लैवेंडर की फसल का फायदा बिल्कुल भी नहीं उठा सकते हैं। जैसे की बंदर और हाथी। यह दोनों जीव लैवेंडर के पौधों को कभी नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। ये बस इस पौधे को सूंघते और रिलैक्स होकर वापस चले जाते हैं। आखिर किसने सोचा था, कि किसानों को इसकी खेती करके आमदनी के साथ शानदार खुशबू मिलेगी।

भारत लैवेंडर की खेती को दे रहा बढ़ावा

अधिकारी ने बताया कि ग्लोबल एसेंशियल ऑयल के मार्केट में इंडिया ने बाजी मारते हुए अच्छा मुकाम हासिल कर लिया है। जम्मु कश्मीर की यह पैदावार भारत के योगदान से बाजार में आगे बढ़ते हुए तकरीबन 70 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। क्षेत्र विशेषज्ञों का अनुमान है कि कई तरह के एसेंशियल ऑयल के उत्पादन और निर्यात में भारतीय किसान और अरोमा बिजनेस को बढ़ावा मिला हैं।

 

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