Uttar Pradesh News: ज्ञानवापी मामले को लेकर अंजुमन इंतेजामिया पर कोर्ट ने लगाया जुर्माना, 14 मई को होगी सुनवाई

Uttar Pradesh News: ज्ञानवापी मामले को लेकर अंजुमन इंतेजामिया पर कोर्ट ने लगाया जुर्माना, 14 मई को होगी सुनवाई
Last Updated: 02 मई 2024

ज्ञानवापी मामले को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद पर कोर्ट ने 300 रुपये का जुर्माना लगाया है। प्रतिपक्ष की ओर से जवाब अथवा आपत्ति दाखिल नहीं करने के कारण मामले में पुनरीक्षण याचिका पर अगली सुनवाई 14 मई के लिए निश्चित की गई।

वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल याचिका पर कोर्ट ने 300 रुपये का हर्जाना वसूला है। ज्ञानवापी में प्राप्त हुए शिवलिंग के पूजा-पाठ का अधिकार देने और इस मामले में बाधा उत्पन्न करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए वाराणसी के बजरडीहा के रहने  वाले निवासी विवेक कुमार सोनी और चितईपुर के रहने वाले जयध्वज कुमार श्रीवास्तव की ओर से 25 मई 2022 को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) प्रशांत कुमार सिंह के समक्ष प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।

बताया कि मंगलवार (30 अप्रेल) को सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने दलीले पेश करते हुए कहां कि उनके पक्ष में वकालत करने वाले वरिष्ठ वकील नसीर खान शहर से अभी बाहर गए हुए हैं, लिहाजा कार्यवाही को सुचारु रूप से करने के लिए कोई दूसरी तारीख मुहैया कराई जाए। इस बात को लेकर दोनों वादियों के वकील देशरत्न कुमार श्रीवास्तव और नित्यानंद कुमार राय ने कड़ी आपत्ति जताई।

कोर्ट ने दी सुनवाई की अगली तारीख

जानकारी के मुताबिक ज्ञानवापी में मजारों और मंदिरों का जिक्र करते हुए उर्स, चादरपोशी और पूजा आदि की अनुमति देने की मांग को लेकर निचली अदालत में दाखिल याचिका के खिलाफ लोहता निवासी मुख्तार खान अहमद अंसारी की पुनरीक्षण याचिका पर मंगलवार को अपर जिला जज (सप्तम) अवधेश कुमार सैनी की अदालत में सुनवाई की गई।

बताया कि आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग करते हए प्रतिपक्ष की ओर से कोर्ट के सामने अपील की गई। अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 14 मई को तय की हैं। अदालत ने तारीख के साथ दलील भी अगली सुनवाई में कोई सबूत पेश नहीं किया तो जवाब अथवा आपत्ति दाखिल करने का और अवसर नहीं दिया जाएगा। अदालत ने आपत्ति दाखिल करने के लिए चार मई तय की हैं।

जिला जज की अदालत में दाखिल याचिका

Subkuz.com को प्राप्त जानकारी के अनुसार लखनऊ के रहने वाली रंजना अग्निहोत्री, पवन कुमार पाठक, रामकुमार जायसवाल और अन्य लोगों की ओर से इस मुकदमे में पक्षकार बनाने का आवेदन सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) महेंद्र पांडेय की अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसे कोर्ट ने आठ फरवरी 2023 को स्वीकार किया था। इस आदेश के खिलाफ मुख्तार खान अहमद ने जिला जज की अदालत के सामने पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी।

बताया कि वर्तमान में इस याचिका को लेकर सुनवाई अपर जिला जज (सप्तम) की अदालत में सुचारु रूप से चल रही है। पुनरीक्षण याचिका में प्रदेश सरकार, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद, वाराणसी के जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, रंजना कुमारी अग्निहोत्री समेत नौ लोग प्रतिपक्ष में शामिल हैं। सभी को पुनरीक्षण याचिका की प्रति करवाकर बांट दी गई हैं।

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