इजरायल ने सीरिया पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है, और उसकी सेना सीरिया की राजधानी दमिश्क के करीब पहुंच चुकी है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 99 दिन बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि असद के शासन के अंत के साथ ही मध्य पूर्व में एक नया अध्याय शुरू हो चुका हैं।
दमिश्क: इजरायल ने गाजा और लेबनान पर भारी हमला करने के बाद अब सीरिया पर भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है। इजरायली वायुसेना ने सीरिया के सैन्य अड्डों पर लगभग 250 एयर स्ट्राइक कीं, जिससे पूरे देश में तबाही मच गई। इन हमलों में सीरियाई सैन्य प्रतिष्ठानों को बुरी तरह से नुकसान हुआ है। इसके साथ ही, इजरायल की पैदल सेना भी सीरिया में घुस चुकी है और वह सीरिया की राजधानी दमिश्क से लगभग 25 किलोमीटर दूर दक्षिण-पश्चिमी इलाके तक पहुंच चुकी हैं।
रॉयटर्स ने सीरियाई सुरक्षा सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है कि इजरायली सैनिक कताना तक पहुंच चुके हैं, जो गोलान हाइट्स के सीरियाई हिस्से से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह हमला क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीतिक परिदृश्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता हैं।
इजरायल के हमले से दहला सीरिया
इजरायल ने सीरिया में अपने सबसे बड़े हमलों में से एक को अंजाम दिया है, जिसमें 250 से अधिक ठिकानों पर हमले किए गए हैं। यह हमले इजरायल की वायुसेना के इतिहास में सबसे बड़े हमलों में से एक माने जा रहे हैं। इजरायल की सेना ने सीरिया की राजधानी दमिश्क पर लगातार हवाई हमले किए, जिससे शहर के कई स्थानों पर आग लग गई।
इजरायल के एक सुरक्षा सूत्र ने इजरायली आर्मी रेडियो को बताया कि इन हमलों में वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्रों को भी निशाना बनाया गया है। इस दौरान सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलने लगीं कि दमिश्क में जहरीली गैस का इस्तेमाल किया गया हैं।
महज 11 दिनों में असद का किला हुआ ध्वस्त
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सीरिया में हाल ही में हुए घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दशकों पुराना समझौता टूट चुका है और सीरियाई सैनिक अब पीछे हट चुके हैं, जिससे इजरायल का नियंत्रण जरूरी हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल किसी भी शत्रुतापूर्ण ताकत को अपनी सीमा में घुसने की अनुमति नहीं देगा।
सीरिया में हालिया घटनाओं में विद्रोहियों ने रविवार को दमिश्क पर कब्जा कर लिया था, जबकि इससे पहले अलेप्पो, हामा और होम्स जैसे महत्वपूर्ण शहरों को भी विद्रोहियों ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। विद्रोहियों के दमिश्क में घुसने से पहले ही राष्ट्रपति बशर अल असद अपने परिवार के साथ देश छोड़ चुके थे।
बशर अल असद ने साल 2000 में अपने पिता हाफिज अल असद के निधन के बाद सीरिया की सत्ता संभाली थी, जो 30 वर्षों तक सीरिया पर शासन कर चुके थे। पिछले 13 वर्षों से सीरिया में गृह युद्ध जारी था, हालांकि असद ने अंततः विद्रोहियों को कुचलने में सफलता प्राप्त की थी। लेकिन 27 नवंबर को विद्रोहियों ने एक बार फिर असद के खिलाफ ताकत जुटाई और महज 11 दिनों में असद के किले को ध्वस्त कर दिया, जिससे सीरिया की सत्ता का संतुलन पूरी तरह बदल गया हैं।