Sunita Williams: धरती पर लौटते ही मुस्कुराईं सुनीता विलियम्स, NASA ने शेयर किया वीडियो

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भारतीय मूल की अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स 9 महीने 14 दिन बाद धरती पर लौटीं। कैप्सूल से बाहर आते ही मुस्कुराईं, रिकवरी टीम ने उन्हें संभालते हुए स्ट्रेचर पर बैठाया।

Sunita Williams: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) सफलतापूर्वक धरती पर लौट आई हैं। उन्होंने 9 महीने 14 दिन (286 दिन) अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर बिताए। उनके साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर (Butch Wilmore) भी सुरक्षित लौटे। भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह 3:27 बजे, उनका स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में उतरा।

कैसे हुई लैंडिंग और रिकवरी प्रक्रिया?

लैंडिंग के बाद कैप्सूल को रिकवरी वेसल पर चढ़ाया गया और पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित तरीके से अंजाम दिया गया। पहले कैप्सूल को समुद्री पानी से साफ किया गया, फिर दरवाजा खोला गया। सबसे पहले रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोरबुनोव बाहर आए, फिर सुनीता विलियम्स बाहर निकलीं।

धरती पर लौटते ही कैसा था सुनीता विलियम्स का रिएक्शन?

जैसे ही सुनीता कैप्सूल से बाहर आईं, उनके चेहरे पर मुस्कान थी। ग्रैविटी (Gravity) की ताकत को महसूस करते हुए उन्होंने खड़े होने की कोशिश की, लेकिन लंबी अवधि तक अंतरिक्ष में रहने के कारण संतुलन नहीं बना पाईं और लड़खड़ा गईं। रिकवरी टीम के दो सदस्यों ने उन्हें सहारा देकर स्ट्रेचर पर बैठाया। इसके बाद उनका मेडिकल चेकअप किया गया, जिसमें डॉक्टरों ने उन्हें पूरी तरह स्वस्थ बताया।

NASA ने अंतरिक्ष यात्रियों का किया स्वागत

सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, अलेक्जेंडर गोरबुनोव और निक हेग की सुरक्षित वापसी पर NASA ने खास संदेश दिया। नासा के कंट्रोल सेंटर से संदेश आया,
"निक, एलेक, बुच, सुनी - स्पेसएक्स की ओर से घर में आपका स्वागत है!"
इस पर कमांडर निक हेग ने जवाब दिया, "क्या शानदार यात्रा रही!"

286 दिन तक ISS पर क्यों रुकीं सुनीता और उनकी टीम?

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल से अंतरिक्ष गए थे। उन्हें सिर्फ 8 दिन ISS पर रहना था, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी टलती रही। इस वजह से उन्हें अंतरिक्ष में 286 दिन तक रुकना पड़ा।

अंतरिक्ष में 900 घंटे का शोध, 150 से ज्यादा प्रयोग

ISS पर रहते हुए सुनीता और उनकी टीम ने 900 घंटे का वैज्ञानिक शोध पूरा किया। उन्होंने 150 से अधिक प्रयोग किए, जिससे वैज्ञानिक समुदाय को अंतरिक्ष में जीवन और अनुसंधान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं।

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