फरीदाबाद जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों - पृथला, एनआईटी, तिगांव, और फरीदाबाद में एक अनोखा राजनीतिक रिकॉर्ड है। इन क्षेत्रों में किसी भी विधायक ने लगातार दो बार चुनाव नहीं जीता है। हर चुनाव में नए चेहरे की जीत दर्ज होती आई है, जो इस क्षेत्र की राजनीति में बदलाव और अस्थिरता का संकेत है। यह रिकॉर्ड इस क्षेत्र की विशेषता बन चुका है, जहां हर चुनाव में मतदाता नए उम्मीदवारों को मौका देते हैं।
Faridabad: फरीदाबाद जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों - पृथला, फरीदाबाद, तिगांव, और एनआईटी का एक दिलचस्प राजनीतिक इतिहास रहा है। 2009 में परिसीमन के बाद ये विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आए, और तब से अब तक इनमें से किसी भी विधानसभा क्षेत्र से कोई विधायक लगातार दो बार चुनाव जीतने में सफल नहीं हुआ है। इस प्रकार, इन क्षेत्रों के मतदाता हर बार एक नया चेहरा चुनते आए हैं।
अब तक के चौंकाने वाले आंकड़े
इन चार विधानसभा क्षेत्रों का इतिहास यह रहा है कि यहां कोई भी विधायक लगातार दो बार चुनाव नहीं जीत सका। पृथला विधानसभा क्षेत्र में 2009 में कांग्रेस के विधायक रघुवीर सिंह तेवतिया ने जीत हासिल की, जबकि 2014 में बसपा के विधायक टेकचंद शर्मा ने और 2019 में निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने विजय प्राप्त की।
तिगांव विधानसभा क्षेत्र में भी इसी तरह का हाल रहा, जहां 2009 में कृष्ण पाल गुर्जर ने जीत दर्ज की। एनआईटी विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो 2009 में निर्दलीय विधायक शिवचरण लाल शर्मा ने चुनाव जीता, उसके बाद 2014 में इंडियन नेशनल लोकदल के विधायक नागेंद्र भडाना और 2019 में कांग्रेस के नीरज शर्मा ने सफलता पाई। इस प्रकार, इन क्षेत्रों में चुनावी प्रतिस्पर्धा का यह चक्र किसी एक विधायक को लगातार जीतने की इजाजत नहीं देता।
इस बार बदलेगा इतिहास?
फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक इतिहास को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि इस क्षेत्र में हर चुनाव में एक नया विधायक चुना गया है।
- 2009 में कांग्रेस के आनंद कौशिक विधायक चुने गए।
- 2014 में भाजपा के विपुल गोयल ने जीत हासिल की।
- 2019 में भाजपा के नरेंद्र गुप्ता ने विधानसभा में अपनी जगह बनाई।
इस लगातार बदलाव के पैटर्न को देखते हुए, आगामी विधानसभा चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या फरीदाबाद के मतदाता इस बार भी नए चेहरे को मौका देंगे या फिर कोई विधायक पुराने इतिहास को तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार जीत हासिल करेगा।