Punjab: नामांकन से पहले शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका, लोकसभा उम्मीदवार हरदीप सिंह ने टीम के साथ दिया इस्तीफा

Punjab: नामांकन से पहले शिरोमणि अकाली दल को बड़ा झटका, लोकसभा उम्मीदवार हरदीप सिंह ने टीम के साथ दिया इस्तीफा
Last Updated: 07 मई 2024

चंडीगढ़ में नामांकन से एक दिन पहले शिअद को बड़ा झटका लगा है। अकाली दल के लोकसभा उमीदवार हरदीप सिंह बुटेरला ने अपनी पूरी टीम के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

Lok Sabha Election 2024: चंडीगढ़ की राजनीति से एक बड़ी खबर सामने रही है, यहां की शिरोमणि अकाली दल के लोकसभा उम्मीदवार  हरदीप सिंह बुटरेला ने नामांकन  से एक दिन पहले (6 मई) पार्टी के प्राथमिक मेंबरशिप से इस्तीफा दे दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, हरदीप सिंह ने यह फैसला  पार्टी द्वारा उन्हें समर्थन नहीं दिए जाने पर लिया है। साथ ही बताया कि पार्टी ने किसी तरीके की आर्थिक मदद भी नहीं दी।

पूरी टीम ने दिया इस्तीफा

मिली जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव लड़ रहे अकाली दल केअध्यक्ष हरदीप सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए टिकट वापसी का भी ऐलान कर दिया है। वहीं, इसके बाद चंडीगढ़ अकाली दल की पूरी टीम ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप था कि उम्मीदवार बनाने के बाद पार्टी द्वारा किसी तरीके की आर्थिक सहायता नहीं दी गई, जिस वजह से यह फैसला लेना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह दल की 13 लोकसभा सीटों पर चुनावी प्रचार प्रसार कर रहे हैं लेकिन वे 14वीं यानी चंडीगढ़ सीट को भूल गए हैं।

बीजेपी में शामिल होने की आशंका

हरदीप सिंह ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि स्वजनों और समर्थकों से चुनावीं मुद्दों पर बातचीत करने के बाद आगे कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल से उनकी आत्मा जुड़ी थी। लेकिन अब उनके साथ धोखा हुआ, पूर्ति द्वारा टिकट दिए जाने के बाद उन्हें कोई सहयोग नहीं मिल रहा था।

हालांकि, बताया जा रहा है कि हरदीप सिंह शिअद से इस्तीफा देने के बाद अब बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। अगर शामिल भी नहीं होंगे तो बाहर से भी अपना पूरा समर्थन दे सकते हैं। बता दें कि उनके चुनाव लड़ने से सिख और भाजपा को नुकसान होता लेकिनअब शिअद के वोटर भाजपा और कांग्रेस में बंट सकता है।

हरदीप बुटेरला का सियासी इतिहास

जानकारी के मुताबिक, गांव बुटेरला निवासी और 3 बार पार्षद रहे 41 वर्षीय हरदीप सिंह की चंडीगढ़ के अधिकतर गावों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। बता दें कि, हरदीप के पिता गुरनाम सिंह और भाई मल्कियत सिंह 2006 और 2011 में चंडीगढ़ नगर निगम के पार्षद चुने गए थे। उनके भाई मल्कियत के निधन के बाद हरदीप 2015, 2016 और 2021 में पार्षद बने। इनके अलावा वह सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पदभार भी संभाल चुके हैं। वहीं 2018 में हरदीप सिंह को शिरोमणि अकाली दल ने चंडीगढ़ के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी।

 

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