Birth Anniversary of Lord Birsa Munda: आदिवासी आंदोलन के नायक का इतिहास और उनका योगदान

Birth Anniversary of Lord Birsa Munda: आदिवासी आंदोलन के नायक का इतिहास और उनका योगदान
Last Updated: 2 घंटा पहले

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती हर साल 15 नवम्बर को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से झारखंड राज्य में महत्वपूर्ण होता है क्योंकि बिरसा मुंडा आदिवासी समाज के एक महान नेता, क्रांतिकारी और समाज सुधारक थे। उन्हें 'धरतीबा' (भूमि के भगवान) और 'भगवान बिरसा' के रूप में पूजा जाता है, और उनका संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ आदिवासी समुदायों के अधिकारों के लिए भी प्रसिद्ध है।

भगवान बिरसा मुंडा का योगदान

बिरसा मुंडा ने भारतीय उपमहाद्वीप में अंग्रेजों के खिलाफ महान विद्रोह "उलगुलान" (1899-1900) का नेतृत्व किया। उनका उद्देश्य आदिवासी समाज की परंपराओं और उनके अधिकारों की रक्षा करना था। उन्होंने आदिवासी समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी आवाज उठाई और अपने लोगों को एकजुट किया। उनके नेतृत्व में, आदिवासी समुदाय ने अंग्रेजी साम्राज्य और जमींदारी व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष किया, जो उस समय के अधिकांश आदिवासी क्षेत्रों में अत्याचार का कारण बन रहे थे।

बिरसा मुंडा की जयंती की महत्ता

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को मनाने का उद्देश्य उनके शौर्य और बलिदान को याद करना है। यह दिन आदिवासी समुदायों के संघर्ष, उनकी संस्कृति और उनके अधिकारों के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन है। इस दिन को खासतौर पर झारखंड और बिहार के आदिवासी क्षेत्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जहां लोग बिरसा मुंडा के योगदान को सम्मानित करने के लिए रैलियाँ, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और पूजा आयोजन करते हैं।

बिरसा मुंडा की जयंती 2024

इस वर्ष, 2024 में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर खास कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में उनके योगदान और बलिदान की याद में शौर्य समारोह, आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम, और उनके द्वारा की गई ऐतिहासिक क्रांतिकारी गतिविधियों पर प्रकाश डाला जाएगा।

समारोह और आयोजन

राजकीय आयोजन: राज्य सरकारें विशेष रूप से इस दिन को बड़े पैमाने पर मनाती हैं, जहां अधिकारियों द्वारा बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए जाते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम: आदिवासी संगीत, नृत्य, और पारंपरिक परिधान में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

आदिवासी समाज के लिए विशेष आयोजन: इस दिन आदिवासी लोगों के अधिकारों और उनके उत्थान के लिए सरकारी योजनाओं की घोषणाएँ भी की जाती हैं।

भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती

2024 में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती है, और इस अवसर पर भारत सरकार द्वारा विशेष स्मारक सिक्का जारी किया गया है। इसके अलावा, बिरसा मुंडा की प्रतिमाओं का अनावरण, और उनके योगदान पर विशेष ध्यान केंद्रित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

भगवान बिरसा मुंडा की जयंती न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि यह आदिवासी समुदाय की पहचान और संघर्ष को भी सम्मानित करने का दिन है। उनका संघर्ष भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, और उनकी जयंती के माध्यम से उनकी वीरता और बलिदान को सदा के लिए याद किया जाता है।

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