Pandit Jawaharlal Nehru: भारतीय राजनीति के आदर्श नेता और बच्चों के चहेते 'चाचा नेहरू'

Pandit Jawaharlal Nehru: भारतीय राजनीति के आदर्श नेता और बच्चों के चहेते 'चाचा नेहरू'
Last Updated: 1 दिन पहले

पंडित जवाहरलाल नेहरू, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री, भारतीय राजनीति के सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली व्यक्तित्वों में से एक माने जाते हैं। उनका जीवन केवल राजनीतिक संघर्षों और सफलता की कहानी नहीं, बल्कि भारतीय समाज को नए रूप में ढालने की भी एक प्रेरणादायक दास्तान है। बच्चों के बीच 'चाचा नेहरू' के नाम से लोकप्रिय होने के कारण उन्होंने अपनी राजनीति और नीतियों के अलावा, सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी भारतीय जनमानस पर गहरा प्रभाव छोड़ा।

1. स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके जीवन का आरंभिक समय पश्चिमी शिक्षा में बीता, लेकिन जल्द ही उन्होंने भारतीय राजनीति में अपनी रुचि जताई। वे महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रमुख नेता बने। नेहरू ने केवल भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से मुक्त करने के लिए संघर्ष किया, बल्कि भारतीय समाज में व्याप्त असमानताओं और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए भी अपनी नीतियों का गठन किया।

नेहरू के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के कारण वे भारतीय जनमानस के आदर्श नेता बने। वे एक महान विचारक, समाजवादी, और राष्ट्रवादी थे, और उनका सपना था कि भारत एक आधुनिक, प्रौद्योगिकियों से लैस और लोकतांत्रिक राष्ट्र बने।

2. प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल

नेहरू 15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और उनका यह कार्यकाल 1964 तक जारी रहा। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने भारतीय समाज को नए दिशा में विकसित करने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतियाँ बनाई। उनका विश्वास था कि भारतीय समाज को एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए औद्योगिकीकरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सुधार, और शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की आवश्यकता है।

नेहरू के नेतृत्व में भारत ने औद्योगिकीकरण की दिशा में कई कदम उठाए। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को बढ़ावा दिया, और भारत में वैज्ञानिक और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित किया। उनका दृष्टिकोण था कि केवल विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में विकास ही भारत को आत्मनिर्भर बना सकता है।

उनकी शिक्षा नीति भी अत्यधिक प्रगति और समावेशी थी। उन्होंने भारतीय शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की, जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITs) और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) की स्थापना, जिससे भारत में वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिला।

3. चाचा नेहरू और बच्चों के लिए उनका प्यार

पंडित नेहरू का बच्चों से विशेष प्रेम था। उन्हें बच्चों के साथ समय बिताना बहुत पसंद था, और उनका मानना था कि बच्चों का सही विकास ही एक राष्ट्र के भविष्य को उज्जवल बना सकता है। उन्हें बच्चों के हितों को हमेशा प्राथमिकता देने वाले नेता के रूप में देखा गया। उनके इस स्नेहपूर्ण दृष्टिकोण के कारण ही उन्हें 'चाचा नेहरू' के नाम से जाना जाने लगा।

हर वर्ष 14 नवम्बर को 'चाचा नेहरू का जन्मदिन' मनाया जाता है, जिसे 'बाल दिवस' के रूप में मनाना जाता है। पंडित नेहरू ने बच्चों के कल्याण और उनके विकास के लिए कई पहल कीं। उनका मानना था कि बच्चों को अच्छे शिक्षा, पोषण, और एक खुशहाल वातावरण मिलना चाहिए, ताकि वे राष्ट्र के अच्छे नागरिक बन सकें।

नेहरू बच्चों के साथ हमेशा मिलनसार और स्नेहपूर्ण रहते थे। उनका यह स्नेह ही उन्हें बच्चों के बीच लोकप्रिय बना गया। बच्चों को उपहार देना, उनके साथ बातें करना और उनका ध्यान रखना पंडित नेहरू की विशेषताओं में से एक था।

4. पंडित नेहरू का दृष्टिकोण और जीवन दर्शन

नेहरू का दृष्टिकोण केवल भारतीय राजनीति, बल्कि वैश्विक राजनीति पर भी गहरा प्रभाव डालने वाला था। वे एक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर भारत के प्रबल समर्थक थे। उनका यह विश्वास था कि भारत को एकजुट रखने के लिए धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र का पालन करना आवश्यक है। उन्होंने समाजवाद के सिद्धांतों को भी अपनाया और यह सुनिश्चित किया कि भारतीय समाज में गरीब, मजदूर, और पिछड़े वर्गों को बराबरी के अवसर मिले।

नेहरू का जीवन दर्शन एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण पर आधारित था। उनका मानना था कि केवल आर्थिक और सामाजिक विकास से ही एक राष्ट्र अपनी पहचान बना सकता है और उसकी शक्ति बढ़ सकती है। इसके लिए उन्होंने विज्ञान और तकनीकी विकास को प्रमुख महत्व दिया। इसके अलावा, नेहरू ने भारतीय संस्कृति, कला, और साहित्य को भी सम्मान दिया और उनका संरक्षण किया।

5. पंडित नेहरू की नीतियाँ

पंडित नेहरू की नीतियाँ भारतीय समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए समान अवसर प्रदान करने का प्रयास करती थीं। उन्होंने सामाजिक और आर्थ

 समानता के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की, जैसे

सामाजिक न्याय: उन्होंने जातिवाद, धर्म, और लिंग के आधार पर भेदभाव को समाप्त करने के लिए कदम उठाए।

शिक्षा और वैज्ञानिक शोध: पंडित नेहरू का मानना था कि शिक्षा ही सबसे बड़ी ताकत है, और इसके लिए उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई सुधार किए।

औद्योगिकीकरण और आत्मनिर्भरता: नेहरू ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए औद्योगिकीकरण पर जोर दिया, विशेषकर भारी उद्योगों में।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन भारतीय राजनीति के आदर्श और प्रेरणा का स्रोत बना। उनका योगदान केवल स्वतंत्रता संग्राम में था, बल्कि उन्होंने स्वतंत्र भारत के निर्माण में अपनी गहरी छाप छोड़ी। बच्चों के प्रति उनका प्यार और उनके द्वारा की गई नीतियाँ आज भी भारतीय समाज में प्रभाव डालती हैं। 'चाचा नेहरू' के रूप में उनका बच्चों के दिलों में बसे रहना, उनके मानवीय दृष्टिकोण और समाज के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।

उनकी नीतियाँ और विचार आज भी हमारे लिए एक मार्गदर्शन हैं और उनका योगदान भारतीय राजनीति में हमेशा अमिट रहेगा।

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