एक घने और शांत जंगल में भालू बलदेव रहता था। वह न केवल अपनी ताकत के लिए, बल्कि अपनी बुद्धिमानी के लिए भी बहुत प्रसिद्ध था। जंगल के सभी जानवर अक्सर अपनी समस्याओं के समाधान के लिए बलदेव के पास जाते थे, और वह हमेशा अपनी चतुराई से उन्हें हल कर देता था। हर किसी को यकीन था कि बलदेव का बुद्धिमान दिमाग किसी भी मुसीबत से बाहर निकाल सकता हैं।
कभी न हिम्मत हारने वाला बलदेव
बलदेव ने जंगल में हमेशा एकता और समझदारी को बढ़ावा दिया था। वह जानता था कि जब तक जानवर एक साथ रहते हैं, तब तक कोई भी मुसीबत उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। उसकी यही समझदारी और सूझबूझ सभी के लिए एक प्रेरणा बन चुकी थी।
संकट का आगमन
एक दिन जंगल में एक बड़ा संकट आ गया। एक शिकारी ने जंगल में जगह-जगह जाल बिछा दिए थे, जिससे जानवरों में डर का माहौल था। खरगोश चिंटू, हिरण मिंकी और बंदर मोंटू काफी डर गए थे। वे अपने बचाव के लिए क्या करें, ये सोच रहे थे, तब उन्होंने बलदेव से मदद मांगी।
बलदेव की योजना
बलदेव ने घबराए हुए जानवरों से कहा, "डरो मत, हम सभी मिलकर शिकारी के जालों को नष्ट करेंगे। लेकिन इसके लिए हमें एक योजना बनानी होगी।" उसने तुरंत सभी जानवरों के लिए एक रणनीति तैयार की।
मोंटू बंदर को शिकारी पर नजर रखने को कहा, ताकि उसकी हरकतें देखी जा सकें।
चिंटू खरगोश को जालों के आसपास गड्ढे खोदने का काम सौंपा।
मिंकी हिरण को तेज दौड़ने के लिए कहा, ताकि वह शिकारी को जंगल के दूसरे हिस्से में ले जा सके।
खुद बलदेव ने पेड़ों की शाखाओं को तोड़कर जालों को ढकने की योजना बनाई।
योजना का सफल अमल
अगले दिन सभी जानवर बलदेव की योजना के अनुसार काम करने लगे। मोंटू ने शिकारी पर नजर रखी और उसे भ्रमित किया, ताकि वह अपने जाल को ठीक से नहीं लगा सके। मिंकी हिरण ने शिकारी को तेज दौड़ाया और एक गहरे गड्ढे के पास पहुंचाया, जिससे वह फंस गया। बलदेव और बाकी जानवरों ने बड़ी चतुराई से सारे जालों को नष्ट कर दिया और जंगल को सुरक्षित कर लिया।
जंगल में फिर आई शांति
शिकारी के जाल से फंसने के बाद, जंगल के जानवरों ने राहत की सांस ली। सबने बलदेव की समझदारी और उसकी योजना की तारीफ की। बलदेव ने कहा, "देखो, अगर हम सब एकजुट होकर काम करें, तो कोई भी समस्या हमें हार नहीं सकती।" इसके बाद, जंगल में हर कोई शांति से रहने लगा, और जानवरों ने एक दूसरे की मदद करने का संकल्प लिया।
कहानी की सीख
"एकता और बुद्धिमत्ता से बड़ी से बड़ी समस्या को हल किया जा सकता है।" आज भी जंगल में जानवर बलदेव की समझदारी को याद करते हैं। वे जानते हैं कि अगर बलदेव की तरह एकजुट होकर काम किया जाए तो किसी भी संकट से उबरा जा सकता है। जंगल में अब सभी जानवर खुशहाल और सुरक्षित रहते हैं, और बलदेव की बुद्धिमानी का आदर करते हैं।