ईश्वर की अनुभूति ....एक अद्भुत अलौकिक कहानी

ईश्वर की अनुभूति ....एक अद्भुत अलौकिक कहानी
Last Updated: 07 मई 2024

हमारे देश में कहानी कहने की परंपरा काफी प्राचीन है। हम बचपन से ही अपने दादा-दादी, चाची और चाचाओं से कहानियाँ सुनकर बड़े हुए हैं। हालाँकि, आज की डिजिटल दुनिया में कहानी कहने की परंपरा धीरे-धीरे ख़त्म होती जा रही है। कहानियों के माध्यम से न केवल बच्चे बल्कि वयस्क भी बहुत कुछ सीखते और समझते हैं। हमारा प्रयास नई कहानियों से आपका मनोरंजन करना है जिनमें कुछ संदेश भी हों। हमें उम्मीद है कि आप सभी को हमारी कहानियाँ पसंद आएंगी। यहां प्रस्तुत है "ईश्वर का अनुभव" नामक एक दिलचस्प कहानी।

एक बार एक साधक ने एक संत से पूछा, "यदि ईश्वर का अस्तित्व है, तो वह स्वयं को प्रकट क्यों नहीं करता?" संत ने उत्तर दिया, "ईश्वर कोई वस्तु नहीं है; वह एक अनुभव है। उसे देखने का कोई तरीका नहीं है; हालाँकि, उसका अनुभव करना आवश्यक है।" लेकिन साधक असंतुष्ट ही रहा. उसकी आँखों में वही जिज्ञासा झलक रही थी।

तभी संत ने पास ही पड़ा एक बड़ा पत्थर उठाया और अपने पैर पर दे मारा। इस प्रहार से गहरा घाव हो गया और खून बहने लगा। साधक ने कहा, "तुमने क्या किया है? यह दर्दनाक होगा! यह क्या पागलपन है?" संत ने हँसते हुए कहा, "दर्द दिखता नहीं, फिर भी होता है। प्रेम दिखता नहीं, फिर भी होता है। इसी तरह भगवान भी ऐसे ही हैं।"

 

यह थी एक दिलचस्प और मजेदार कहानी। ऐसी और भी मजेदार कहानियां पढ़ते रहिये subkuz.Com पर क्योंकि  subkuz.Com पर मिलेगी आपकी हर एक केटेगरी की कहानी वो भी आपकी अपनी हिंदी भाषा में।

जय श्री हरि!

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