जो बांटा वही पाया: एक प्रेरणादायक कहानी जो सिखाती है अच्छाई की अहमियत

जो बांटा वही पाया: एक प्रेरणादायक कहानी जो सिखाती है अच्छाई की अहमियत
Last Updated: 2 घंटा पहले

यह कहानी एक छोटे से लड़के अशोक की है, जो एक ठंडी रात में अपने दोस्त की पार्टी में भाग लेने के बाद घर लौटते समय एक दिलचस्प अनुभव से गुजरता है। कहानी न केवल उसकी गलती को सुधारने की प्रक्रिया को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि दूसरों की मदद करना और माता-पिता की सलाह का पालन करना हमारे जीवन को बेहतर बना सकता है।

कहानी की शुरुआत

पिछली सर्दी की एक ठंडी रात थी। अशोक अपनी मम्मी की बार-बार की चेतावनियों को नकारते हुए, अपने दोस्त की जन्मदिन पार्टी में शामिल हो गया था। पार्टी खत्म होने के बाद, अशोक रात के दस बजे अपने घर लौटने के लिए बस स्टॉप पर खड़ा था, लेकिन दूर-दूर तक कोई बस दिखाई नहीं दी। अब उसे अहसास हुआ कि उसने अपनी मम्मी की बात नहीं मानी, और अकेले सुनसान सड़कों पर घर लौटने में डर महसूस होने लगा।

वहां से शुरू होती है अशोक की मदद की कहानी

अशोक की हालत देखकर एक रिक्शा आता है। रिक्शे वाले ने पहले घर जाने से मना किया, लेकिन अशोक ने 50 रुपये का वादा किया और वह घर जाने के लिए तैयार हो गया। रास्ता सुनसान था, और बर्फीली हवाएं चल रही थीं। बावजूद इसके, रिक्शावाला बेहद धीमे चल रहा था। अशोक को हैरानी होती है कि आखिरकार क्यों रिक्शेवाला इतना धीमा चल रहा है, जब उसे घर पहुंचने की जल्दी होनी चाहिए।

रिक्शेवाले की मुश्किलें और अशोक का जागरूकता

अचानक, एक झटका लगता है और अशोक रिक्शे से गिर जाता है। जब उसने रिक्शेवाले से पूछा कि उसने गर्म कपड़े क्यों नहीं पहने, तो उसने बताया कि वह कुछ पैसे बचा रहा है, ताकि वह सर्दी के कपड़े खरीद सके। यह सुनकर अशोक के दिल में दया और सहानुभूति की भावना जागृत होती है।

अशोक की मदद

घर के पास आते-आते, अशोक को रिक्शेवाले की स्थिति को देखकर अपनी गलती का अहसास होता है। घर के दरवाजे पर पहुंचकर, अशोक रिक्शेवाले से कहता है कि वह उसे गर्म कपड़े देने के लिए घर से कुछ लेकर आता है, लेकिन रिक्शेवाला मना कर देता है। हालांकि, अशोक ने अपनी जेब से पचास रुपये और स्वेटर निकालकर उसे दे दिया। इससे पहले कि रिक्शेवाला कुछ कहता, अशोक घर के अंदर चला गया और दरवाजा बंद कर लिया।

अशोक का आत्मज्ञान

अशोक अपनी मम्मी के पास जाता है, और वहां उसे एक पैकेट मिला, जिसे चाचा ने अमेरिका से भेजा था। जैसे ही अशोक ने पैकेट खोला, उसकी आंखों में आंसू आ गए। पैकेट के अंदर एक सुंदर ऊनी स्वेटर था। इस स्वेटर को पाकर अशोक समझता है कि जीवन में अगर हम दूसरों की मदद करते हैं, तो हमें भी मदद मिलती है। जो हम बांटते हैं, वही हमें मिलता है।

कहानी से सीखी गए शिक्षा

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने माता-पिता की सलाह का सम्मान करना चाहिए और दूसरों की मदद करने का जज़्बा रखना चाहिए। कभी भी हमें अपनी लापरवाही से दूसरों को परेशानी में नहीं डालना चाहिए। जीवन में अनुशासन और दयालुता ही हमें एक बेहतर इंसान बनाती है।

अशोक ने सीखा कि जो हम दूसरों के साथ साझा करते हैं, वही हमें लौटकर मिलता है। इस सिख को अपनाकर हम न केवल दूसरों की मदद कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को भी आसान और खुशहाल बना सकते हैं।

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