सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी के इस डिजिटल युग में एक नई क्रांति आ गई है। अब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) मॉडल्स ने सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बना ली है और ये मॉडल्स लाखों फॉलोअर्स को आकर्षित कर ब्रांड्स से बड़ी डील्स भी हासिल कर रहे हैं। इन डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स ने साबित कर दिया है कि कमाई के रास्ते सिर्फ परंपरागत तरीकों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि AI के माध्यम से भी काफी अच्छा पैसा कमाया जा सकता है।
AI मॉडल्स: एक नई तरह की डिजिटल लोकप्रियता
AI मॉडल्स, जो असल इंसान जैसे दिखने वाले होते हैं, सोशल मीडिया की दुनिया में आजकल छाए हुए हैं। इन मॉडल्स को आकर्षक और रियलिस्टिक दिखाने के लिए हाई-टेक AI टूल्स का इस्तेमाल किया जाता है। एक उदाहरण के तौर पर, बार्सिलोना स्थित एक एजेंसी जो AI मॉडल्स बनाती है, अब महीने में लाखों रुपये कमा रही है।
AI मॉडल्स: कैसे होते हैं परफेक्ट?
AI मॉडल्स को परफेक्ट बनाने के लिए पहले किसी लड़की की असली तस्वीर खींची जाती है, जिसे फिर AI टूल्स द्वारा परफेक्ट बनाया जाता है। इसमें चेहरे की विशेषताएं, रंग, बनावट और हाव-भाव को बहुत ही सटीक तरीके से सुधारा जाता है, ताकि मॉडल्स असली इंसान जैसे दिखें। यह प्रक्रिया अब बहुत तेजी से होती है। पहले जहां एक फोटो को एडिट करने में पूरा दिन लग जाता था, अब AI की मदद से कुछ ही घंटों में एक परफेक्ट मॉडल तैयार हो जाता है।
लाखों रुपये की कमाई का नया रास्ता
AI मॉडल्स ने एक नई दुनिया खोली है, जिसमें ये डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स बड़े-बड़े ब्रांड्स से स्पॉन्सरशिप डील्स कर रहे हैं। न्यूट्रिशन, फैशन और स्पोर्ट्स ब्रांड्स इन डिजिटल मॉडल्स से अपनी मार्केटिंग और प्रमोशन करवा रहे हैं। एजेंसी का कहना है कि इन मॉडल्स को पेश करके वे हर महीने लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं।
महिलाओं की लोकप्रियता, पुरुष मॉडल्स की कमी
हालांकि, इन AI मॉडल्स में खासकर महिला मॉडल्स की अधिक लोकप्रियता देखने को मिल रही है। एजेंसी ने पहले सुडौल और आकर्षक महिला मॉडल्स बनाए, जिन्हें क्लाइंट्स ने पसंद किया। इसके बाद, पुरुष मॉडल्स बनाने की कोशिश भी की गई, लेकिन उन्हें उतनी तवज्जो नहीं मिल रही है। इसमें मुख्य कारण शारीरिक सौंदर्य के मानकों का अंतर हो सकता है, जहां महिलाओं की सुंदरता अधिक लोकप्रिय हो रही है, जबकि पुरुष मॉडल्स पर उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
क्या यह असली सुंदरता के मानक को बदल रहे हैं?
इन AI मॉडल्स के बढ़ते चलन से कुछ इन्फ्लुएंसर्स और समाज के जानकारों ने चिंता जताई है। वे मानते हैं कि ये मॉडल्स असली और नकली सुंदरता के बीच की लाइन को धुंधला कर रहे हैं। इन्फ्लुएंसर डानाए मार्सर ने बीबीसी को बताया, "AI मॉडल्स के बढ़ते प्रभाव से समाज में एक नकली सुंदरता का पैमाना स्थापित हो रहा है, जो खासकर युवा लड़कियों के लिए खतरनाक हो सकता है। वे असल और नकली के बीच का फर्क नहीं पहचान पातीं।"
क्या हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं?
AI मॉडल्स ने डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स की दुनिया में एक नया रास्ता खोला है। ये मॉडल्स न केवल ब्रांड्स के लिए एक प्रभावी मार्केटिंग टूल साबित हो रहे हैं, बल्कि यह नए आय के अवसर भी उत्पन्न कर रहे हैं। हालांकि, इसके साथ जुड़े सामाजिक और नैतिक सवालों पर विचार करना बेहद जरूरी है। क्या इन मॉडल्स से युवा पीढ़ी पर सही असर पड़ रहा है, या यह उन्हें असली और नकली के बीच भ्रमित कर रहे हैं?
AI मॉडल्स की दुनिया में एक नई क्रांति का आगमन हो चुका है। ये डिजिटल मॉडल्स न केवल लाखों रुपये कमा रहे हैं, बल्कि वे मार्केटिंग के नए तरीके भी विकसित कर रहे हैं। हालांकि, इसका सही उपयोग और प्रभावों का मूल्यांकन करना भी उतना ही जरूरी है। जहां यह एक नई तकनीकी प्रगति है, वहीं यह समाज पर किस तरह का असर डाल रही है, इस पर भी गहन विचार की आवश्यकता है।