Apple, अपने Safari ब्राउज़र में AI-संचालित सर्च फीचर्स लाने पर विचार कर रहा है। यह जानकारी हाल ही में Apple के एक कार्यकारी ने अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा चलाए जा रहे एंटीट्रस्ट केस में गवाही देते हुए दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Apple ने Safari ब्राउज़र में AI आधारित सर्च ऑप्शंस जोड़ने के लिए कई प्रमुख AI सेवा प्रदाताओं जैसे OpenAI, Perplexity, और Anthropic से बातचीत की है। हालांकि, कंपनी इस योजना को जल्दी में लागू करने के बजाय इसे बेहतर बनाने में समय ले रही है।
Apple की AI सर्च की योजना: एक नई तकनीकी दिशा
Apple की योजना यह है कि वह अपने Safari ब्राउज़र में एक AI-संचालित सर्च फीचर पेश करे, जिससे उपयोगकर्ताओं को एक और सर्च ऑप्शन मिले। फिलहाल, Safari ब्राउज़र में Google का सर्च इंजन डिफ़ॉल्ट के रूप में उपयोग किया जा रहा है, और Google Apple को इसके बदले में विज्ञापन आय का एक हिस्सा देता है। हाल ही में Apple ने देखा कि Safari ब्राउज़र पर सर्च क्वेरीज में गिरावट आई है, और यह ऐसा मामला है जो पिछले 22 वर्षों में कभी नहीं देखा गया। यह Apple के लिए एक बड़ा चिंता का कारण बन सकता है क्योंकि यह सीधे उसके Google के साथ समझौते को प्रभावित कर सकता है।
AI सर्च तकनीक के फायदे
AI-संचालित सर्च फीचर्स से Apple को कई फायदे हो सकते हैं। AI का उपयोग करके, Apple अपने उपयोगकर्ताओं को बेहतर और अधिक स्मार्ट सर्च अनुभव दे सकता है। इससे सर्च की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है और यूज़र्स को अपने सवालों के ज्यादा सटीक जवाब मिल सकते हैं। AI सर्च इंजन और चैटबॉट सेवाएं पारंपरिक सर्च इंजन के मुकाबले बहुत ज्यादा प्रभावी हो सकती हैं, क्योंकि ये अधिक समझदारी से सवालों का जवाब देती हैं और सीखने की क्षमता रखती हैं।
Apple का यह कदम Google के एकाधिकार को चुनौती देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। हालांकि, Apple ने कहा है कि वह इसे जल्दी में लागू नहीं करना चाहता है क्योंकि AI सर्च सेवाओं की गुणवत्ता अभी तक पूरी तरह से उसके उपयोगकर्ताओं की अपेक्षाओं के अनुसार नहीं है। यह नया फीचर एक वैकल्पिक रूप में पेश किया जाएगा, यानी इसे डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन के तौर पर नहीं रखा जाएगा।
Google के साथ Apple का सर्च इंजन समझौता: एक नई दिशा में कदम
Apple और Google के बीच यह समझौता $20 बिलियन (लगभग ₹1.6 लाख करोड़) का है, जिसके तहत Google, Safari ब्राउज़र पर डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन बना रहता है और बदले में Apple को एक हिस्से के रूप में विज्ञापन आय प्राप्त होती है। इसका मतलब है कि जितनी अधिक सर्च क्वेरीज होंगी, उतनी ही ज्यादा विज्ञापन आय Apple को मिलेगी। हाल के दिनों में जो सर्च ट्रैफिक में कमी देखी जा रही है, वह Apple के लिए एक चिंता का कारण बन सकती है क्योंकि इससे विज्ञापन आय कम हो सकती है।
Apple के कार्यकारी एडी क्यू का मानना है कि अब पारंपरिक सर्च ट्रैफिक का रुझान AI आधारित सर्च इंजन और चैटबॉट सेवाओं की तरफ बढ़ रहा है। क्यू ने यह भी कहा कि पहले इन AI सर्च इंजन को एक वैध विकल्प नहीं माना जाता था, लेकिन अब वह इस पर पुनर्विचार कर रहे हैं क्योंकि नए प्रवेशकर्ता समस्या को अलग तरीके से हल करने की कोशिश कर रहे हैं।
AI सर्च फीचर्स पर Apple की नई रणनीति
Apple ने AI सर्च फीचर्स को लेकर OpenAI, Perplexity और Anthropic जैसी कंपनियों से बातचीत की है। हालांकि, इन सेवाओं की गुणवत्ता अभी तक Apple के मानकों के अनुसार नहीं है, इसलिए कंपनी इसे जल्द लागू करने की जल्दी में नहीं है। Apple ने स्पष्ट किया है कि जब AI सर्च फीचर्स Safari ब्राउज़र में जोड़े जाएंगे, तो इन्हें डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन के रूप में नहीं रखा जाएगा। इसके बजाय, यह एक वैकल्पिक फीचर होगा, जिसे उपयोगकर्ता अपनी पसंद के अनुसार चुन सकेंगे।
Apple का नया कदम
Apple का यह कदम Google के एकाधिकार को चुनौती देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास हो सकता है। Apple अब उपयोगकर्ताओं को एक स्मार्ट और बेहतर सर्च अनुभव देना चाहता है, जिससे वे Google के अलावा दूसरे सर्च इंजन को भी आज़मा सकें। हालांकि, इसे पूरी तरह से लागू होने में समय लग सकता है, क्योंकि Apple यह सुनिश्चित करना चाहता है कि AI सर्च सेवा पूरी तरह से विश्वसनीय हो और उपयोगकर्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरे।
AI सर्च फीचर्स से Apple के Safari ब्राउज़र को प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने में मदद मिल सकती है। जैसे-जैसे ब्राउज़िंग अनुभव बदल रहे हैं, यह कदम Apple को नवीनतम तकनीकी ट्रेंड्स से अपडेट रखने का एक तरीका हो सकता है।
Apple का यह नया कदम निश्चित रूप से Safari ब्राउज़र के उपयोगकर्ताओं के लिए एक नई दिशा खोल सकता है। AI-संचालित सर्च फीचर्स से उपयोगकर्ता को एक नया अनुभव मिलेगा। हालांकि, यह कदम काफी समय ले सकता है, लेकिन अगर यह फीचर सफल होता है, तो यह ब्राउज़िंग दुनिया को एक नया मोड़ दे सकता है।