उंगली से चार्ज होगा आपका स्मार्टफोन, पसीने से उत्पन्न होगी बिजली! वैज्ञानिकों ने चार्जर को किया कूड़ा-फ्री

उंगली से चार्ज होगा आपका स्मार्टफोन, पसीने से उत्पन्न होगी बिजली! वैज्ञानिकों ने चार्जर को किया कूड़ा-फ्री
Last Updated: 10 दिसंबर 2024
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क्या आप जानते हैं कि अब स्मार्टफोन को अपनी उंगलियों से भी चार्ज किया जा सकता है? जी हां, यह सच है! कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक का विकास किया, जो उंगलियों से निकलने वाले पसीने से बिजली उत्पन्न करती है और उसी बिजली से स्मार्टफोन को चार्ज किया जा सकता है।

स्मार्टफोन चार्जिंग के नए तरीके की ओर कदम

स्मार्टफोन आजकल हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है, जो हर छोटी-बड़ी जरूरत को पूरा करने में सहायक है। लेकिन अब एक नई और दिलचस्प टेक्नोलॉजी सामने आई है, जो स्मार्टफोन को चार्ज करने के तरीके को पूरी तरह बदल सकती है। क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी उंगलियां ही आपके स्मार्टफोन को चार्ज कर सकती हैं? जी हां, यह सच है! वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसा डिवाइस तैयार किया है, जो उंगलियों के पसीने से बिजली उत्पन्न करता है, और उसी बिजली का इस्तेमाल स्मार्टफोन को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस क्रांतिकारी टेक्नोलॉजी के बारे में, जो भविष्य में स्मार्टफोन चार्जिंग के तरीके को पूरी तरह से बदल सकती है।

पसीने से पैदा होगी बिजली

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने एक क्रांतिकारी डिवाइस विकसित किया है, जिसे उंगली में पहना जा सकता है। यह डिवाइस खासतौर पर हमारी उंगलियों से निकलने वाले पसीने का उपयोग करती है, जिससे बिजली उत्पन्न की जाती है। रात के समय, जब हम सो रहे होते हैं, हमारी उंगलियों से थोड़ा पसीना निकलता है, और यह डिवाइस उसी पसीने से बिजली बनाती है। इस उत्पन्न बिजली का उपयोग स्मार्टफोन या स्मार्ट घड़ी को चार्ज करने के लिए किया जा सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस डिवाइस को सिर्फ 10 घंटे तक पहनने से आपका फोन पूरे दिन तक चल सकता है। यह तकनीक भविष्य में स्मार्ट डिवाइस चार्जिंग के तरीके में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है।

पहनना होगा इतने हफ्ते

हालांकि, इस नई तकनीक से स्मार्टफोन को चार्ज करना अभी तक पूरी तरह से आसान नहीं हुआ है। इसे उंगली में एक पट्टी की तरह पहनना पड़ता है, और जब हम सोते हैं तो हमारी उंगलियों से थोड़ा पसीना निकलता है, जिसे यह मशीन बिजली में बदल देती है। लेकिन अभी इसे तीन हफ्ते तक लगातार पहनने की जरूरत होती है, ताकि फोन को चार्ज किया जा सके। वैज्ञानिक इस डिवाइस को और प्रभावी बनाने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि इसे कम समय में इस्तेमाल किया जा सके और चार्जिंग प्रक्रिया को और सरल बनाया जा सके।

दिखती है Band Aid की तरह

यह एक छोटी सी डिवाइस है, जो बैंड-एड की तरह दिखती है और उंगली पर चिपकाई जाती है। इसमें एक स्पंज जैसी सामग्री होती है, जो हमारे पसीने को सोख लेती है। इसके बाद यह पसीना बिजली में बदल जाता है, जिसे स्मार्टफोन जैसे उपकरणों को चार्ज करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

कैसे करेगा काम?

यह एक नर्म और लचीली पट्टी है, जिसे उंगली पर इस तरह से लपेटा जा सकता है, जैसे हम कोई बैंड-एड लगाते हैं। इसमें एक स्पंज जैसी सामग्री होती है, जो पसीने को अवशोषित करके उसे ऊर्जा में बदलने का कार्य करती है।जब हमारी उंगली पसीने से गीली होती है, या हम इस पट्टी को दबाते हैं, तो यह और ज्यादा बिजली उत्पन्न करती है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस तकनीक को बनाने में उन्होंने तीन साल की मेहनत की है और अब यह जल्द ही बाजार में उपलब्ध हो सकती है।

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