भारत दुनिया में मोबाइल वायरस हमलों का सबसे बड़ा शिकार, बढ़ते साइबर खतरों से हो रही वित्तीय धोखाधड़ी

भारत दुनिया में मोबाइल वायरस हमलों का सबसे बड़ा शिकार, बढ़ते साइबर खतरों से हो रही वित्तीय धोखाधड़ी
Last Updated: 04 दिसंबर 2024

भारत अब मोबाइल वायरस अटैक का सबसे बड़ा शिकार बन चुका है। गूगल प्ले स्टोर पर 200 से अधिक खतरनाक एप्स पाए गए हैं, जबकि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) मैलवेयर लेनदेन में 45% की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, भारत की मैलवेयर उत्पत्ति पर स्थिति में सुधार हुआ है और अब यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 5वें स्थान से गिरकर 7वें स्थान पर आ गया है। बावजूद इसके, भारत में मोबाइल वायरस के हमले चिंता का कारण बन गए हैं, और यह हैरान करने वाला तथ्य सामने आया है कि हैकर्स के लिए भारत अब सबसे ज्यादा आकर्षक जगह बन गया है।

मोबाइल वायरस अटैक में भारत के पहले स्थान पर पहुंचने का कारण

Zscaler ThreatLabz की 2024 रिपोर्ट के अनुसार, जून 2023 से मई 2024 तक लगभग 20 अरब मोबाइल लेनदेन और साइबर खतरों का विश्लेषण किया गया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में कुल मोबाइल मैलवेयर हमलों का 28% हिस्सा है, जबकि अमेरिका का हिस्सा 27.3% और कनाडा का 15.9% है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल भारत इस मामले में तीसरे स्थान पर था, लेकिन अब यह पहले स्थान पर पहुंच गया है।

वित्तीय क्षेत्र पर बढ़ता खतरा

रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल मैलवेयर हमलों में ट्रोजन हमले सबसे खतरनाक माने जा रहे हैं। ये हमले उपयोगकर्ताओं को धोखा देकर दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करने और चलाने के लिए मजबूर करते हैं। इस प्रकार के हमलों में वित्तीय सेक्टर सबसे ज्यादा असुरक्षित है। बैंकिंग मैलवेयर हमलों में 29% की वृद्धि और मोबाइल स्पायवेयर हमलों में 111% की चौंकाने वाली बढ़ोतरी हुई है। इन हमलों में आमतौर पर मल्टीफैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) को बायपास किया जाता है और फिशिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है।

फर्जी वेबसाइट्स और एसएमएस से धोखाधड़ी

भारत में साइबर अपराधी अब भारतीय डाक सेवा को भी अपने हमले का निशाना बना रहे हैं। धोखाधड़ी के लिए फर्जी एसएमएस संदेशों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनके माध्यम से उपयोगकर्ताओं को फिशिंग साइट्स पर भेजा जाता है। यहां उपयोगकर्ताओं से उनके क्रेडिट कार्ड की जानकारी मांगी जाती है। "पैकेज मिसिंग" या "डिलीवरी एड्रेस अधूरा" जैसे बहाने बनाकर उपयोगकर्ताओं को जल्दबाजी में अपनी व्यक्तिगत जानकारी देने के लिए उकसाया जाता है।

कैसे बचें इन खतरों से?

इस बढ़ते साइबर खतरे से बचने के लिए उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहना चाहिए और केवल प्रमाणित और भरोसेमंद एप्लिकेशन्स का ही उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, बैंकिंग और वित्तीय लेनदेन के लिए मल्टीफैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करना बेहद महत्वपूर्ण है। साथ ही, एसएमएस और ईमेल द्वारा आए लिंक या वेबसाइट्स से हमेशा बचना चाहिए और इन पर क्लिक करने से पहले हमेशा उनकी सत्यता जांचनी चाहिए।

भारत में मोबाइल वायरस अटैक एक गंभीर खतरे के रूप में उभर कर सामने आया है। साइबर अपराधियों के द्वारा लगातार नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिससे लोगों के बैंक अकाउंट खाली हो रहे हैं। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए उपयोगकर्ताओं को अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी संदेहास्पद लिंक या एप्स से बचना चाहिए।

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