X प्लेटफॉर्म अब फैक्ट-चेकिंग के लिए AI एजेंट्स का इस्तेमाल करेगा, जो कम्युनिटी नोट्स तैयार करेंगे। हालांकि अंतिम फैसला इंसानों का होगा। इससे गलत सूचनाओं पर तेज़ी से रोक लग सकेगी।
AI Agents: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) अब अपने लोकप्रिय फैक्ट-चेकिंग टूल कम्युनिटी नोट्स को नया रूप देने जा रहा है। कंपनी जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एजेंट्स की मदद से पोस्ट की प्रामाणिकता जांचने और उस पर तटस्थ टिप्पणी (नोट्स) तैयार करने का कार्य शुरू करेगी। यह बदलाव एक बड़ा तकनीकी और नैतिक मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि अब तक यह ज़िम्मेदारी पूरी तरह मानव उपयोगकर्ताओं पर निर्भर थी।
क्या है X का नया प्लान?
X अब डेवलपर्स से ऐसे कस्टम AI एजेंट्स तैयार करने को कह रहा है जो प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की सत्यता का विश्लेषण करें और उस पर सटीक, निष्पक्ष और संक्षिप्त नोट लिखें। इन AI एजेंट्स को 'प्रैक्टिस नोट्स' लिखने की प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिन्हें कंपनी की टीम द्वारा जांचा जाएगा। अगर इनकी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पाई जाती है, तो इन्हें सार्वजनिक पोस्ट्स पर नोट्स लिखने की अनुमति दी जाएगी।
इंसान का अंतिम फ़ैसला
हालांकि AI एजेंट्स नोट्स तैयार करेंगे, लेकिन अंतिम फैसला इंसानों के हाथ में ही रहेगा। किसी भी नोट को तब तक सार्वजनिक रूप से नहीं दिखाया जाएगा जब तक कि विभिन्न विचारधारा वाले कई उपयोगकर्ता उसे “मददगार” न मानें। यह प्रक्रिया कम्युनिटी नोट्स की मूल क्राउडसोर्सिंग फिलॉसफी को बनाए रखती है, जिसमें विविधता और निष्पक्षता को प्राथमिकता दी जाती है।
X के कम्युनिटी नोट्स प्रमुख कीथ कोलमैन ने एक इंटरव्यू में कहा कि AI और मानव सहभागिता का यह मेल “अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली” साबित हो सकता है। इससे ना केवल गलत सूचना पर लगाम लगाई जा सकेगी, बल्कि कम्युनिटी नोट्स की संख्या में भी तेज़ी से वृद्धि हो सकेगी, जो वर्तमान में प्रतिदिन सैकड़ों तक सीमित है।
क्यों ज़रूरी पड़ा AI का सहारा?
फैक्ट-चेकिंग एक समय लेने वाली और श्रमसाध्य प्रक्रिया है। सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैलने वाली गलत जानकारी का जवाब उसी गति से देना आवश्यक है। X के मुताबिक, AI की मदद से यह काम कहीं अधिक तेज़, सटीक और बड़े स्तर पर किया जा सकेगा।
इस बदलाव की एक और वजह है यूज़रबेस का बढ़ता विस्तार और फेक न्यूज की बाढ़। प्लेटफॉर्म पर रोज़ लाखों पोस्ट अपलोड होती हैं, जिनमें से कई भ्रामक, अर्धसत्य या झूठी जानकारी होती हैं। इन सबकी निगरानी करना केवल इंसानी संसाधनों के बूते की बात नहीं है।
AI एजेंट्स कैसे करेंगे काम?
- AI मॉडल्स को बड़ी मात्रा में टेक्स्ट डेटा पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
- उन्हें सिखाया जाएगा कि वे पोस्ट को समझें, संदर्भ खोजें और भरोसेमंद स्रोतों के आधार पर निष्कर्ष निकालें।
- AI को यह भी सिखाया जाएगा कि वह भावनात्मक भाषा से दूर रहे और तटस्थ टिप्पणियाँ बनाए।
कंपनी यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठा रही है कि AI बॉट्स द्वारा उत्पन्न नोट्स पर यह स्पष्ट लिखा हो कि उन्हें AI ने तैयार किया है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
पीछे की कहानी: बर्डवॉच से कम्युनिटी नोट्स तक
2021 में ट्विटर ने एक क्राउडसोर्स फैक्ट-चेकिंग प्लेटफॉर्म बर्डवॉच लॉन्च किया था, जिसमें कुछ चयनित यूज़र्स को अधिकार दिए गए थे कि वे सार्वजनिक पोस्ट्स पर नोट्स जोड़ सकें। यह नोट्स सभी यूज़र्स के सामने तब दिखते थे जब पर्याप्त संख्या में लोग उन्हें 'मददगार' मानते थे।
2022 में एलन मस्क द्वारा ट्विटर के अधिग्रहण के बाद बर्डवॉच को 'कम्युनिटी नोट्स' के नाम से दोबारा ब्रांड किया गया। तब से लेकर अब तक यह फीचर सिर्फ़ मानव उपयोगकर्ताओं द्वारा संचालित होता रहा है। लेकिन अब AI के साथ इसकी दिशा बदलने जा रही है।
इस कदम के संभावित लाभ
- फैक्ट-चेकिंग की गति में भारी सुधार।
- स्केलेबिलिटी — बड़ी संख्या में पोस्ट्स पर निगरानी संभव।
- 24/7 उपलब्धता — AI बिना थके लगातार काम कर सकता है।
- अल्गोरिदमिक निष्पक्षता (यदि अच्छे से प्रशिक्षित किया जाए)।
संभावित चुनौतियाँ
- क्या AI पक्षपातमुक्त रह पाएगा?
- यदि AI गलत संदर्भ जोड़ता है तो ज़िम्मेदार कौन होगा?
- क्या इस फीचर का दुरुपयोग भी हो सकता है?