इसरो के प्रमुख वी. नारायणन ने घोषणा की है कि गगनयान का टेस्ट मिशन इस साल दिसंबर में लॉन्च किया जाएगा। यह जानकारी उन्होंने हाल ही में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
ISRO: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष वी. नारायणन ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि भारत का महत्वाकांक्षी गगनयान टेस्ट मिशन इस साल दिसंबर में लॉन्च होगा। इस अवसर पर हाल ही में अंतरिक्ष यात्रा से लौटे शुभांशु शुक्ला और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे।गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होने के कारण काफी महत्व रखता है।
वी. नारायणन ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम ने अभूतपूर्व प्रगति की है। 2015 से 2025 के बीच पूरा किए गए मिशनों की संख्या 2005 से 2015 के मुकाबले लगभग दोगुनी हो गई है।
पिछले छह महीनों में तीन प्रमुख मिशनों की सफलता
अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि पिछले छह महीनों में ISRO ने तीन महत्वपूर्ण मिशनों को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। इनमें सबसे प्रतिष्ठित मिशन था AXIOM-4, जिसमें भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजा गया और सुरक्षित वापस लाया गया। शुक्ला ने इस अवसर पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा: मैं उन सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने इस मिशन में साथ दिया।
इस देश के सभी नागरिकों का भी आभार। असली उड़ान का अनुभव अलग ही होता है। ट्रेनिंग कितनी भी क्यों न हो, वास्तविक उड़ान का अनुभव बेहद रोमांचक और सीखने योग्य रहा। शुभांशु ने यह भी बताया कि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण शरीर में कई बदलाव होते हैं, और इस प्रक्रिया में एडजस्ट होने के लिए समय लगता है। उन्होंने बच्चों और युवा पाठकों को संदेश देते हुए कहा कि अगर मैंने यह कर दिखाया, तो आप भी कर सकते हैं।
अगला बड़ा मिशन: अमेरिकी संचार उपग्रह का लॉन्च
ISRO अध्यक्ष ने यह भी जानकारी दी कि जुलाई 2025 में GSLV-F16 रॉकेट ने NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR) को सटीक रूप से स्थापित किया। अगले 2-3 महीनों में ISRO अमेरिका का 6500 किलोग्राम का संचार उपग्रह अपने प्रक्षेपण वाहन के माध्यम से लॉन्च करेगा। इस सफलता से भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में स्थान और भी मजबूत होगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की यह तेजी केवल एक संयोग नहीं है। उन्होंने बताया कि यह सभी मिशन एक स्ट्रेटेजिक योजना के तहत किए जा रहे हैं। यह निर्णय लिया गया था कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर एक भारतीय अंतरिक्ष में जाएगा। यह मिशन भारत की तकनीकी और सामूहिक क्षमता का प्रतीक है।
डॉ. सिंह ने आगे कहा: लोग पूछ रहे हैं कि यह सब कुछ सालों में क्यों हुआ जबकि पहले नहीं हुआ। इसका जवाब यही है कि हमने एक स्पष्ट रणनीति के तहत काम किया और उसी दिशा में लगातार प्रगति की।