आंखों से लगातार पानी आने की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जैसे कंजक्टिवाइटिस, ड्राई आई सिंड्रोम, एलर्जिक रिएक्शन, आंसू नलिका का ब्लॉकेज या गंभीर आंखों की बीमारियां। समय पर पहचान और सही इलाज से इससे बचा जा सकता है। स्क्रीन पर काम करते समय ब्रेक लेना और आंखों की सफाई जरूरी है।
Watery Eyes Problem: आंखों से लगातार पानी आना आम समस्या है, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के आई स्पेशलिस्ट ए.के. ग्रोवर के अनुसार इसके मुख्य कारण कंजक्टिवाइटिस, ड्राई आई सिंड्रोम, एलर्जी, ग्लॉकोमा या आंसू नलिका का ब्लॉकेज हो सकते हैं। बच्चों में जन्मजात कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। दर्द, धुंधलापन या रोशनी चुभने जैसे लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
आंखों से पानी आने के सामान्य कारण
आंखों से बार-बार पानी आने के पीछे कई सामान्य कारण हो सकते हैं। ठंडी हवा, धूल-मिट्टी, धुएं या लंबे समय तक मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन देखना इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। स्क्रीन पर लगातार काम करने से आंखें सूखती हैं, और शरीर नमी बनाए रखने के लिए ज्यादा आंसू निकालता है। उम्र बढ़ने के साथ आंसू नलिकाएं कमजोर हो जाती हैं, जिससे आंखों से पानी ज्यादा बहने लगता है। इसके अलावा, संक्रमण, एलर्जी और धूल के कण आंखों में जाने से भी पानी आने की समस्या बढ़ सकती है।
आंखों में होने वाले अन्य लक्षण
लगातार पानी आने के साथ आंखों में अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। इनमें आंखों की लालिमा, जलन, खुजली और चुभन शामिल हैं। कुछ लोगों को धुंधला दिखाई देना या रोशनी ज्यादा चुभना भी शुरू हो जाता है। लगातार आंसू आने से पलकें चिपक सकती हैं और आंखें चिपचिपा महसूस हो सकती हैं। अगर संक्रमण के कारण पानी आ रहा हो तो आंख से पस भी निकल सकता है। इसलिए यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
गंभीर बीमारियों का संकेत
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की आई स्पेशलिस्ट ए.के. ग्रोवर के अनुसार आंखों से लगातार पानी आना कई बीमारियों का संकेत हो सकता है। सबसे आम कारण कंजक्टिवाइटिस है, जिसमें आंखों में लालिमा, सूजन और पानी या पस निकलता है।
इसके अलावा ड्राई आई सिंड्रोम भी पानी आने का प्रमुख कारण है। इसमें आंखें सूख जाती हैं और नमी बनाए रखने के लिए बार-बार आंसू निकलते हैं। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस में धूल, धुआं या पालतू जानवरों से एलर्जी के कारण आंखों से लगातार पानी आता रहता है।
कुछ मामलों में गंभीर बीमारियां जैसे ग्लॉकोमा या काला मोतिया, कॉर्नियल इंफेक्शन और आंसू नलिका का ब्लॉकेज भी पानी आने के पीछे जिम्मेदार हो सकते हैं। बच्चों में जन्म से ही आंसू नलिका बंद होने की वजह से आंखों से पानी आता रहता है।
समस्या को नजरअंदाज न करें
अगर आंखों से लगातार पानी आ रहा है और इसके साथ दर्द, धुंधलापन या रोशनी चुभने जैसे लक्षण हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लंबे समय तक इस समस्या को नजरअंदाज करना आंखों की गंभीर स्थिति का कारण बन सकता है।
बचाव और सतर्कता
आंखों को धूल, धुएं और प्रदूषण से बचाना जरूरी है। स्क्रीन पर लंबे समय तक काम करते समय बीच-बीच में ब्रेक लेना चाहिए। आंखों को बार-बार न रगड़ें और दिन में दो-तीन बार साफ पानी से आंखें धोएं। बाहर जाते समय सनग्लास का इस्तेमाल करना भी लाभकारी है। संक्रमण या एलर्जी की स्थिति में समय पर डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।