सरकार का अलर्ट: व्हाट्सएप पर वायरल गरीबों को पैसे देने का मैसेज फर्जी, न करें क्लिक

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इन दिनों WhatsApp पर एक नया फर्जी मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय गरीबों को 46,710 रुपये की आर्थिक सहायता दे रहा है। सरकार ने इस मैसेज को पूरी तरह से झूठा करार देते हुए इसे एक स्कैम बताया है।

सरकार के प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने इस मैसेज का खंडन करते हुए इसे पूरी तरह से फर्जी बताया है। PIB ने कहा कि इस मैसेज में गरीबों को वित्तीय सहायता देने का दावा किया जा रहा है और एक लिंक के माध्यम से लोगों से पर्सनल डिटेल्स मांगी जा रही हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वित्त मंत्रालय ने ऐसी कोई योजना नहीं बनाई है और इस तरह के मैसेज का कोई सत्यापन नहीं है।

PIB ने चेतावनी दी है कि अगर आपके पास भी इस तरह का मैसेज आया है तो आपको सावधान रहना चाहिए, क्योंकि यह एक धोखाधड़ी का प्रयास हो सकता है। सरकार ने जनता से अपील की है कि वे इस तरह के फर्जी मैसेजों से बचें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।

फर्जी मैसेजों की बाढ़ लोगों को किया गया अलर्ट

WhatsApp और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इन दिनों फर्जी मैसेजों की बाढ़ आ गई है। समय-समय पर इस तरह के मैसेज वायरल होते रहते हैं, और कई लोग इन पर विश्वास कर अपने नुकसान का शिकार हो जाते हैं। हाल ही में एक और फर्जी मैसेज वायरल हुआ था, जिसमें यह दावा किया गया था कि 75 साल से अधिक उम्र के लोगों को अब टैक्स में छूट मिल रही है। सरकार ने इसे भी पूरी तरह से झूठा बताते हुए लोगों से ऐसे मैसेजों से सावधान रहने की अपील की है।

साइबर अपराधियों की चालों से रहें सतर्क

साइबर अपराधों में हाल के दिनों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। अपराधी अब लोगों को सरकारी योजनाओं या आकर्षक वादों वाले मैसेज भेजकर अपना शिकार बना रहे हैं। इन मैसेजों में अक्सर ऐसे लिंक होते हैं, जिन पर क्लिक करना आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

सरकार और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहे लुभावने विज्ञापनों या संदेशों के झांसे में न आएं। साथ ही, अनजान व्यक्तियों से प्राप्त किसी भी मैसेज या ईमेल में दिए गए लिंक पर क्लिक करने से बचें, क्योंकि ये लिंक आपके व्यक्तिगत डेटा को चोरी करने या साइबर धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

सरकार का यह कदम साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों के व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

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