Tech News: मस्क लेकर आयंगे नई क्रांतिकारी योजना, स्पेसक्राफ्ट से पहुंच सकेंगे मात्र 30 मिनट में दिल्ली से अमेरिका, विस्तार से जानें इसके बारे में

Tech News: मस्क लेकर आयंगे नई क्रांतिकारी योजना, स्पेसक्राफ्ट से पहुंच सकेंगे मात्र 30 मिनट में दिल्ली से अमेरिका, विस्तार से जानें इसके बारे में
Last Updated: 5 घंटा पहले

एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए यह संभावना जताई है कि उनका स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट दुनिया भर की यात्रा के समय को बेहद कम कर सकता है। उनकी योजना के तहत, यह स्पेसक्राफ्ट धरती के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक मात्र 30 से 60 मिनट में पहुंचने की क्षमता रखेगा। 

टेक्नोलॉजी डेस्क: एलन मस्क की कंपनी SpaceX हमारे यात्रा करने के तरीकों में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में काम कर रही है। मस्क की नई योजना के तहत दुनिया भर के प्रमुख शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम किया जा सकता है। इस महत्वाकांक्षी योजना का आधार SpaceX का स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट है। यह 395 फुट ऊंचा, स्टेनलेस स्टील से बना एक रॉकेट है, जिसे अंतरिक्ष में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया हैं।

मस्क ने कहा है कि 'अर्थ टू अर्थ' स्पेस ट्रैवल को संभव बनाने के लिए उनका स्टारशिप रॉकेट तैयार है, और यह डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा चुनाव जीतने के बाद और भी आसानी से अमल में लाया जा सकता है। इस तकनीक के जरिए दिल्ली से न्यूयॉर्क जैसी लंबी दूरी मात्र आधे घंटे में तय की जा सकेगी। इस परियोजना के क्रियान्वयन में विवेक रामास्वामी और डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) की भागीदारी भी चर्चा में है। हालांकि, इस योजना के लिए सुरक्षा, लागत और पर्यावरणीय प्रभाव की प्रौद्योगिकी और नियामकीय चुनौतियों का समाधान करना बाकी हैं।

क्या हैं SpaceX का स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट?

स्पेसएक्स की महत्वाकांक्षी "अर्थ टू अर्थ" यात्रा योजना अंतरराष्ट्रीय यात्रा में क्रांतिकारी बदलाव लाने का वादा करती है। इस प्रोजेक्ट के तहत, स्टारशिप रॉकेट यात्रियों को दुनिया के प्रमुख शहरों के बीच एक घंटे से भी कम समय में पहुंचा सकता है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, यह रॉकेट पृथ्वी की कक्षा में जाने के बजाय सतह के करीब उड़ते हुए तेज गति से गंतव्य तक पहुंचेगा। उदाहरण के लिए, लॉस एंजिल्स से टोरंटो की यात्रा केवल 24 मिनट में और दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को की यात्रा 30 मिनट में पूरी हो सकती है। हालांकि, यात्रियों को उड़ान के दौरान जी-फोर्स और कम गुरुत्वाकर्षण का सामना करना पड़ेगा, जिससे पूरी यात्रा के दौरान सीटबेल्ट बांधकर रहना होगा।

इस योजना को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा तब शुरू हुई जब एक प्रमोशनल वीडियो शेयर किया गया, जिसमें अनुमान लगाया गया कि डोनाल्ड ट्रंप के संभावित दूसरे कार्यकाल के दौरान फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) से इसे मंजूरी मिल सकती है। इस पर एलन मस्क ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "यह अब संभव है।" हालांकि, इस प्रोजेक्ट के सामने तकनीकी चुनौतियां, सुरक्षा चिंताएं और कानूनी स्वीकृतियों से जुड़े मुद्दे हैं। लेकिन अगर इसे सफलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यह वैश्विक यात्रा का स्वरूप पूरी तरह बदल सकता हैं।

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