5 जून 2025, गुरुवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन गंगा दशहरा और बटुक भैरव जयंती जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाएंगे। आचार्य इंदु प्रकाश की देखरेख में तैयार इस दिन का पंचांग हमें शुभ समय, राहुकाल, तिथि और नक्षत्र की जानकारी देता है, जो धार्मिक कर्मकांडों और जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों के लिए बहुत सहायक साबित होगा।
गंगा दशहरा और बटुक भैरव जयंती का महत्व
गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक पावन पर्व है जो मां गंगा के अवतरण और उनके पवित्र जल के पुण्य को मनाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में खुशहाली आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन किया गया स्नान और दान अत्यंत फलदायी होता है।
इसी दिन बटुक भैरव जयंती भी आती है, जो भगवान शिव के रूद्र स्वरूप की पूजा का दिन माना जाता है। भैरव की उपासना से जीवन में भय, कष्ट और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
पंचांग विवरण: तिथि, योग और नक्षत्र
5 जून 2025 को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि रहेगी, जो देर रात 2:17 बजे तक जारी रहेगी, उसके बाद एकादशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। यह तिथि व्रत, पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए बेहद शुभ मानी जाती है। सिद्धि योग सुबह 9:14 बजे तक रहेगा, जो सफलता और शुभ कार्यों के लिए उत्तम समय है। इसके बाद व्यतिपात योग शुरू होगा, जो थोड़ा अशुभ माना जाता है, इसलिए इस योग के दौरान कोई नया काम शुरू करना टालना चाहिए।
नक्षत्र की बात करें तो पूरा दिन और पूरी रात हस्त नक्षत्र का प्रभाव रहेगा, जो कुटुम्ब, कला और व्यवसाय के लिए अनुकूल रहता है। हस्त नक्षत्र के प्रभाव में किए गए कार्य आसानी से पूर्ण होते हैं।
राहुकाल का समय
राहुकाल को अशुभ माना जाता है, इसलिए इस समय कोई भी महत्वपूर्ण कार्य शुरू करना उचित नहीं होता। 5 जून 2025 के लिए विभिन्न प्रमुख शहरों में राहुकाल का समय इस प्रकार है:
- दिल्ली: दोपहर 2:04 से 3:48 तक
- मुंबई: दोपहर 2:16 से 3:55 तक
- चंडीगढ़: दोपहर 2:07 से 3:52 तक
- लखनऊ: दोपहर 1:48 से 3:31 तक
- भोपाल: दोपहर 2:00 से 3:41 तक
- कोलकाता: दोपहर 1:16 से 2:57 तक
- अहमदाबाद: दोपहर 2:19 से शाम 4:00 तक
- चेन्नई: दोपहर 1:44 से 3:20 तक
इन समयों के दौरान कोई भी शुभ कार्य या यात्रा शुरू करने से बचना चाहिए।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
5 जून को सुबह का सूर्योदय 5:22 बजे होगा, जो दिन की शुरुआत के लिए शुभ संकेत है। वहीं, सूर्यास्त शाम को 7:16 बजे होगा, जो दिन के अंत का संकेत देता है। इस अवधि में दिन के कार्य और धार्मिक अनुष्ठान किये जा सकते हैं।
धार्मिक अनुष्ठान और पूजा के लिए शुभ समय
गंगा दशहरा के दिन सुबह से लेकर दोपहर तक का समय पूजा-पाठ, स्नान और दान के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, सुबह 9:14 बजे तक सिद्धि योग होने के कारण यह समय विशेष शुभ है। भक्तगण इस दौरान गंगा स्नान, मंदिरों में पूजा और विशेष दान कार्य कर सकते हैं। गंगा दशहरा के पवित्र अवसर पर नदी के किनारे जाकर स्नान करना, गंगा जल का दान करना और पर्यावरण की सफाई जैसे कार्य करने से मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही बटुक भैरव की पूजा करने से मानसिक शांति और सुरक्षा मिलती है।
5 जून 2025 का दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। गंगा दशहरा और बटुक भैरव जयंती के पावन अवसर पर स्नान-दान और पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का आगमन होता है। पंचांग के अनुसार, इस दिन के शुभ मुहूर्त और नक्षत्र की जानकारी का पालन करके सभी महत्वपूर्ण कार्य करने चाहिए।