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अहमदाबाद विमान हादसे से पहले तीन बार Mayday कॉल, जानें इसका असली मतलब

अहमदाबाद विमान हादसे से पहले तीन बार Mayday कॉल, जानें इसका असली मतलब

अहमदाबाद में गुरुवार को हुए दर्दनाक प्लेन क्रैश से पहले एयर इंडिया की फ्लाइट के पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से रेडियो संपर्क में तीन बार Mayday! Mayday! Mayday! कहा।

अहमदाबाद: गुरुवार की दोपहर, अहमदाबाद के आसमान में एक बेहद दर्दनाक हादसा घटा। एयर इंडिया की एक फ्लाइट, जो दिल्ली से अहमदाबाद आ रही थी, रनवे से कुछ ही दूरी पहले क्रैश हो गई। इस हादसे ने कई परिवारों को गहरा दुख दिया, लेकिन इस घटना से जुड़ी एक और अहम बात भी सामने आई  हादसे से ठीक पहले पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को कोड वर्ड में तीन बार कहा: Mayday! Mayday! Mayday!

यह वाक्य सुनने में भले ही छोटा लगे, लेकिन इसके पीछे की गंभीरता बेहद गहरी है। यह वह शब्द है जिसे कोई भी पायलट कभी नहीं कहना चाहता, क्योंकि इसका मतलब होता है  अब हालात बेकाबू हो गए हैं, जान खतरे में है, मदद चाहिए।

Maydayक्या है? संकट में डूबे विमान की अंतिम पुकार

Mayday एक इंटरनेशनल इमरजेंसी सिग्नल है, जो किसी विमान, जहाज या वाहन द्वारा गंभीर संकट के समय रेडियो के माध्यम से भेजा जाता है। यह शब्द इस बात का संकेत होता है कि संबंधित व्यक्ति या क्रू अब स्थिति पर काबू नहीं रख पा रहे हैं और उनकी जान को सीधा खतरा है।

Mayday शब्द को तीन बार लगातार दोहराया जाता है Mayday! Mayday! Mayday! ताकि रेडियो में आ रही दूसरी आवाज़ों के बीच यह स्पष्ट रूप से पहचान में आ सके और कोई भ्रम न हो।

अहमदाबाद क्रैश से पहले पायलट की कॉल

एयर इंडिया की यह फ्लाइट जब अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट के करीब पहुंच रही थी, तब मौसम में अचानक तेज़ हवाएं और विज़िबिलिटी की समस्या उत्पन्न हो गई। पायलट ने हालात को संभालने की कोशिश की, लेकिन रनवे से कुछ किलोमीटर पहले ही इंजन में खराबी और पावर फेलियर की सूचना आई।

उस क्षण, जब संभावनाएं क्षीण हो रही थीं, पायलट ने ATC को तुरंत संकट संकेत भेजा  Mayday! Mayday! Mayday!

ATC ने तुरंत रेस्क्यू टीम को अलर्ट किया, लेकिन जब तक मदद मौके पर पहुंची, तब तक विमान ज़मीन से टकरा चुका था। इस हादसे में कई यात्रियों को चोटें आईं, जबकि दो यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई।

Mayday शब्द की उत्पत्ति: फ्रांस से निकली दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण कॉल

Mayday शब्द की शुरुआत वर्ष 1923 में हुई थी। इस विचार के पीछे व्यक्ति थे फ्रेडरिक मॉकफोर्ड, जो लंदन के क्रॉयडन एयरपोर्ट पर एक वरिष्ठ रेडियो अधिकारी थे। उस समय लंदन से पेरिस के बीच उड़ानों की संख्या बढ़ रही थी, और मॉकफोर्ड को एक ऐसा शब्द चाहिए था जो इंग्लिश और फ्रेंच, दोनों भाषाओं में समझ में आए।

उन्होंने Mayday शब्द चुना, जो फ्रेंच शब्द m’aidez (मेरी मदद करो) से प्रेरित था। इसका उच्चारण मे-दे जैसा होता है, जिसे रेडियो पर सुनना आसान और स्पष्ट था।

1948 में इस शब्द को आधिकारिक संकट कॉल के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दे दी गई।

Mayday कॉल का प्रोटोकॉल

जब कोई पायलट Mayday कॉल करता है, तो उसके बाद एक खास क्रम में जानकारी दी जाती है:

  1. एयरक्राफ्ट का नाम और टाइप
  2. कॉल साइन (फ्लाइट नंबर)
  3. आपात स्थिति की प्रकृति
  4. वर्तमान स्थान या अंतिम ज्ञात स्थिति
  5. मौजूदा मौसम की स्थिति
  6. कितना ईंधन बचा है
  7. कितने लोग खतरे में हैं
  8. किस तरह की मदद चाहिए

इस विवरण के आधार पर ATC या अन्य बचाव टीमें अपनी रणनीति बनाती हैं।

Mayday Relay क्या होता है?

कभी-कभी संकट में पड़ा विमान संपर्क खो देता है या उसकी रेडियो प्रणाली काम करना बंद कर देती है। ऐसे में पास से गुजर रही दूसरी फ्लाइट, उसकी ओर से Mayday कॉल भेजती है। इसे कहा जाता है Mayday Relay। यह प्रणाली तब उपयोगी होती है जब एक विमान पूरी तरह से संकट में हो लेकिन संपर्क में न हो।

कानूनी और सामाजिक प्रभाव

संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों में Mayday का गलत प्रयोग गंभीर अपराध माना जाता है। वहां यदि कोई व्यक्ति झूठी संकट कॉल करता है, तो उसे छह साल की जेल और $250,000 तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

ऐसे कॉल न केवल बचाव संसाधनों की बर्बादी करते हैं, बल्कि वास्तव में संकट में फंसे लोगों की मदद में देरी का कारण बन सकते हैं।

भारतीय विमानन में Mayday के उदाहरण

भारत में भी पहले Mayday कॉल के उदाहरण देखे गए हैं। वर्ष 2019 में, एक प्राइवेट जेट ने मुंबई एयरपोर्ट पर उतरने से पहले इंजन फेलियर के कारण Mayday कॉल भेजा था। उसी साल एक इंडिगो विमान ने बैंगलोर में अचानक तकनीकी खराबी के बाद Mayday कॉल किया और इमरजेंसी लैंडिंग की।

इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि यह एक वास्तविक और उपयोगी सिस्टम है जो संकट की घड़ी में जान बचा सकता है।

क्यों जरूरी है पायलट्स का Mayday कहना?

बहुत बार पायलट आखिरी समय तक तकनीकी समस्याओं को खुद ठीक करने की कोशिश करते हैं। लेकिन जब हालात हाथ से बाहर हो जाएं, तो Mayday कॉल करके सहायता मांगना उनकी जिम्मेदारी बन जाती है।

यह कॉल:

  • बचाव टीम को पहले से तैयार रहने का मौका देता है
  • एयरपोर्ट को रनवे खाली करने और फायर टेंडर्स तैयार करने का समय देता है
  • यात्रियों की जान बचाने में बड़ा अंतर ला सकता है

अहमदाबाद हादसे के बाद की स्थिति

अहमदाबाद एयरपोर्ट प्रशासन ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। अग्निशमन दस्ते, एंबुलेंस और मेडिकल टीमों को तैनात किया गया। DGCA और AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) ने जांच शुरू कर दी है।

Mayday कॉल के ऑडियो रिकॉर्ड की जांच की जा रही है ताकि यह समझा जा सके कि आखिर पायलट ने किन हालात में यह कॉल दी थी, और क्या इस बीच कोई सहायता देरी से पहुंची।

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