अपने बचपन का सपना पूरा करना रोशनी सोंघरे के लिए बेहद महंगा और दुखद साबित हुआ। महाराष्ट्र के डोंबीवली की रहने वाली रोशनी का सपना था कि वह एक दिन एयर होस्टेस बने और आसमान की ऊंचाइयों को छूए।
Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस दर्दनाक घटना में 266 लोगों की जान चली गई, जिनमें एयर इंडिया की होनहार और ऊर्जावान एयर होस्टेस रोशनी सोंघरे भी शामिल थीं। 26 साल की रोशनी न सिर्फ अपने परिवार की उम्मीद थीं, बल्कि उन हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा भी थीं, जो छोटे शहरों से बड़े सपनों की उड़ान भरना चाहती हैं।
आज जब उनका पार्थिव शरीर उनके घर लौटेगा, तो सिर्फ एक बेटी, बहन या सहकर्मी नहीं, बल्कि "आसमान की वो बेटी" लौटेगी जो अपने ख्वाबों की ऊंचाई पर पहुंचकर भी जमीन से जुड़ी रही।
सपने जहां शुरू हुए: डोंबिवली की एक छोटी सी गली
रोशनी सोंघरे महाराष्ट्र के ठाणे जिले के डोंबिवली की एक मध्यमवर्गीय फैमिली से थीं। उनका परिवार एक 10x10 के कमरे में रहता था, लेकिन उनका सपना उससे कहीं बड़ा था। वो बचपन से ही आसमान में उड़ना चाहती थीं। जब बाकी बच्चे गुड़ियों से खेलते थे, रोशनी खुद को एयर होस्टेस की ड्रेस में कल्पना करती थीं।
उनके पिता राजेंद्र सोंघरे, एक तकनीशियन हैं और मां शोभा सोंघरे, गृहिणी। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने कभी अपनी बेटी के सपनों को छोटा नहीं होने दिया। पढ़ाई के साथ-साथ रोशनी ने एयर होस्टेस की ट्रेनिंग के लिए कड़ी मेहनत की।
स्पाइसजेट से शुरू हुआ करियर, एयर इंडिया तक पहुंची
सपनों को पंख तब लगे जब रोशनी को स्पाइसजेट में बतौर केबिन क्रू नौकरी मिली। उन्होंने करीब दो साल तक स्पाइसजेट में कार्य किया और उसके बाद उनका चयन एयर इंडिया में हो गया। यह उनके करियर का वह मोड़ था, जहां उन्होंने खुद को और अपने परिवार को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाना शुरू किया था।
रोशनी सोशल मीडिया पर भी बेहद एक्टिव थीं। उनका इंस्टाग्राम अकाउंट 'Sky Loves Her' नाम से था, जिस पर 54 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे। वहां वह ट्रैवल व्लॉग्स, उड़ानों के दृश्य, और अपने अनुभव साझा करती थीं। हर पोस्ट में उनकी आंखों में चमक और चेहरे पर वो मुस्कान होती थी, जो केवल वही लड़की ला सकती है, जो अपने सपनों को जी रही हो।
गांव का आखिरी दौरा और फिर ‘विदाई’
हादसे से दो दिन पहले ही रोशनी अपने गांव गई थीं। उन्होंने अपने दादा-दादी, चाचा-चाची से मुलाकात की और कुलदेवता के दर्शन किए। शायद उन्हें खुद भी नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी विदाई है। घर लौटने के बाद ही वह अहमदाबाद से लंदन जाने वाली फ्लाइट में सवार हुईं—एक ऐसी उड़ान, जिससे वह कभी वापस नहीं आईं।
इस हादसे ने सोंघरे परिवार की रीढ़ तोड़ दी है। मां शोभा सोंघरे को अभी तक बेटी की मौत की खबर नहीं दी गई है, क्योंकि उन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या है।छोटा भाई विग्नेश, जो नेवी में कार्यरत है, समुद्र में तैनात है और अब तक अनजान है कि उसकी बहन इस दुनिया में नहीं रही। सिर्फ पिता और बड़े भाई अहमदाबाद गए हैं शव को लाने के लिए।
एयर इंडिया की चुप्पी, साथियों की सहानुभूति
परिवार का कहना है कि अभी तक उन्हें एयर इंडिया की ओर से कोई आधिकारिक कॉल या सहायता नहीं मिली है। हालांकि, रोशनी की कुछ सहकर्मी और उनके परिवार अहमदाबाद में मौजूद हैं और हरसंभव मदद कर रहे हैं। रोशनी सोंघरे की कहानी सिर्फ एक दुर्घटना की शिकार लड़की की नहीं है। ये कहानी है एक सपने की, जो तमाम मुश्किलों के बावजूद पूरा हुआ।