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अखिलेश के ‘कांवड़ पथ’ ऐलान पर गरमाई सियासत: डिप्टी सीएम केशव मौर्य का पलटवार, कहा- 'सत्ता जाने के बाद आई धर्मनिष्ठा'?

अखिलेश के ‘कांवड़ पथ’ ऐलान पर गरमाई सियासत: डिप्टी सीएम केशव मौर्य का पलटवार, कहा- 'सत्ता जाने के बाद आई धर्मनिष्ठा'?

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने हाल ही में अखिलेश द्वारा कांवड़ पथ निर्माण के ऐलान को सिर्फ दिखावा और नौटंकी बताया।

UP Politics: उत्तर प्रदेश की सियासत एक बार फिर धार्मिक मुद्दों के इर्द-गिर्द गरमा गई है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव के कांवड़ यात्रा के लिए विशेष पथ बनाने के बयान पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने इसे सियासी नौटंकी करार देते हुए सपा के इतिहास को कठघरे में खड़ा किया। मौर्य ने कहा कि सत्ता में रहते हुए रामभक्तों पर गोलियां और शिवभक्तों पर लाठियां चलाने वाली पार्टी अब धर्म का दिखावा कर रही है।

2047 तक बंद हैं सपा-INDI गठबंधन के सत्ता के दरवाजे: मौर्य का दावा

डिप्टी सीएम मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर अखिलेश यादव और सपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने लिखा: रामभक्तों पर गोलियां, शिवभक्तों पर लाठियां, कांवड़ियों को भजन तक नहीं करने दिया, नवरात्र और दीपावली में अंधेरा किया, मेडिकल कॉलेज से बाबा साहब अंबेडकर जी का नाम हटाया, कब्रिस्तानों की बाउंड्री बनवाई लेकिन हिंदुओं के श्मशान नहीं बनवाए।

मौर्य ने दावा किया कि सपा और INDI गठबंधन 2047 तक सत्ता में नहीं लौट सकते। उन्होंने सपा के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को 'फर्जी' बताते हुए कहा कि जनता अब सब समझ चुकी है और यह राजनीति नहीं चलने वाली।

अखिलेश का बयान: कांवड़ पथ बनाएंगे, बीजेपी ने सिर्फ आस्था से छल किया

7 जुलाई को अखिलेश यादव ने बयान दिया था कि अगर सपा सरकार में आती है, तो कांवड़ यात्रियों के लिए विशेष पथ बनाए जाएंगे। साथ ही उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि धार्मिक आयोजनों—खासतौर पर कुंभ और कांवड़ यात्रा—में सिर्फ दिखावा किया गया और लोगों की आस्था से धोखा हुआ। इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई कि सपा अब हिंदू मतदाताओं को लुभाने की रणनीति अपना रही है।

केशव मौर्य ने किया सपा के 'यू-टर्न' पर तंज

मौर्य ने अखिलेश के कांवड़ पथ ऐलान को 'ढोंग' बताते हुए कहा: जब सत्ता में थे तो धर्म और आस्था को दबाया, अब सत्ता से दूर हैं तो धर्म का सहारा ले रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का विरोध किया, अब मथुरा-वृंदावन के विकास की भी राह में रोड़ा बन रहे हैं। उन्होंने सपा को तुष्टिकरण की राजनीति करने वाला दल बताया और कहा कि अब जनता उनके ‘धार्मिक पाखंड’ को पहचान चुकी है।

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं रह गई, बल्कि राजनीतिक दलों के लिए हिंदू वोट बैंक को साधने का प्रमुख माध्यम बन चुकी है। भाजपा जहां पहले से इस यात्रा को समर्थन देती रही है, वहीं अब सपा का नया स्टैंड राजनीति में बदलाव की ओर इशारा करता है। केशव मौर्य की टिप्पणी इसी बदलाव पर करारा कटाक्ष है। उनका यह कहना कि अब धर्मनिष्ठा का दिखावा काम नहीं आने वाला, इस बात की ओर संकेत करता है कि भाजपा सपा की नई रणनीति को भी हिंदू विरोधी इतिहास से जोड़कर निष्क्रिय करना चाहती है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में धर्म और आस्था का मुद्दा लंबे समय से गहराई से जुड़ा है। चाहे वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हो या कांवड़ यात्रा का आयोजन, हर अवसर पर सियासी दलों की रणनीतियां बदलती रही हैं।

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