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अमेरिका-भारत टैरिफ विवाद: स्टब ने दोस्ताना अंदाज में ट्रम्प को विदेश नीति सुधार की दी सलाह, जानें क्या कहा

अमेरिका-भारत टैरिफ विवाद: स्टब ने दोस्ताना अंदाज में ट्रम्प को विदेश नीति सुधार की दी सलाह, जानें क्या कहा

फिनलैंड के राष्ट्रपति स्टब ने ट्रंप से कहा कि भारत के साथ सहयोग और सम्मानजनक नीति अपनाएं। टैरिफ और अमेरिका-भारत तनाव के बीच, भारत चीन और रूस के करीब जा रहा है। यह अमेरिका के लिए चुनौती है।

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बहुत कम लोगों का प्रभाव माना जाता है। ऐसे में उनके करीबी दोस्त, फिनलैंड के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर स्टब ने ट्रंप को भारत और ग्लोबल साउथ से जुड़े अपने विदेश नीति दृष्टिकोण पर सुधार करने की सलाह दी है। स्टब ने स्पष्ट किया कि अगर अमेरिका भारत जैसे देशों के प्रति सहयोगी और सम्मानजनक नीति नहीं अपनाता, तो पश्चिमी देशों के लिए रणनीतिक नुकसान हो सकता है।

स्टब ने कहा कि उनका संदेश सिर्फ यूरोपीय सहयोगियों के लिए नहीं बल्कि अमेरिका के लिए भी है। उनका मानना है कि ग्लोबल साउथ के देशों के साथ सहयोग और सम्मानजनक नीति ही अमेरिका को लंबे समय तक वैश्विक खेल में बनाए रख सकती है।

एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत की भूमिका

हाल ही में चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भाग लिया। इस बैठक के दौरान कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए, जिनमें तीन प्रमुख वैश्विक नेताओं को एक ही फ्रेम में देखा गया।

फिनलैंड के राष्ट्रपति स्टब ने इस बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि यह अमेरिका और यूरोप के लिए याद दिलाने वाला क्षण था कि भारत और ग्लोबल साउथ के देश वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि पुराने वैश्विक शक्तियों के अवशेषों को बचाने के प्रयासों में अगर अमेरिका सहयोग और सम्मान को नजरअंदाज करता है, तो वह खेल हार सकता है।

ट्रंप और स्टब की करीबी दोस्ती

एलेक्जेंडर स्टब को ट्रंप का बेहद करीबी दोस्त माना जाता है। मार्च 2025 में फिनलैंड के राष्ट्रपति ने फ्लोरिडा स्थित मार-ए-लागो रिसॉर्ट में ट्रंप के साथ सात घंटे तक गोल्फ खेला। इस दौरान दोनों के बीच गहरी दोस्ती विकसित हुई।

कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि स्टब उन चुनिंदा यूरोपीय नेताओं में से हैं जिनकी राय ट्रंप को प्रभावित कर सकती है। अमेरिकी मीडिया के अनुसार, स्टब की ट्रंप तक पहुँच इतनी अनोखी है कि किसी भी छोटे यूरोपीय देश के नेता को इतनी पहुंच कभी नहीं मिली। इसी वजह से स्टब को अगस्त में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ रूस की स्थिति पर चर्चा के लिए व्हाइट हाउस बुलाया गया।

भारत पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव

पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया था। इंडो-पैसिफिक में भारत को चीन की चुनौती के रूप में माना जाता था और रणनीति उसी के अनुसार बनाई गई थी। लेकिन ट्रंप प्रशासन के आते ही भारत पर 25% टैरिफ लगाया गया।

इसके बाद रूसी तेल की खरीद को लेकर नाराज ट्रंप ने भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ बढ़ा दिया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया। इस कदम का भारत के कपड़ा, हीरा और कई अन्य उद्योगों पर बुरा प्रभाव पड़ा। दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता असफल रही और स्थिति तनावपूर्ण बन गई।

भारत और चीन के करीब आने की संभावना

टैरिफ और अमेरिकी नीतियों के कारण भारत ने चीन के साथ संबंधों में सावधानीपूर्वक निकटता बढ़ाई है। अमेरिकी एक्सपर्ट्स इस पर चिंता जता रहे हैं कि ट्रंप की विनाशकारी टैरिफ नीतियों ने दशकों की कोशिशों को नकार दिया, जिनमें भारत को रूस से दूर रखने और चीन के खतरे से सतर्क करने का प्रयास किया गया।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि ट्रंप की नीतियों की वजह से भारत रूस के करीब फिर से जा रहा है और चीन के साथ नजदीकी बढ़ा रहा है। उनका कहना है कि यह स्थिति अमेरिकी हितों के लिए चिंता का विषय है।

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