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अनिल अंबानी ग्रुप पर फर्जी बैंक गारंटी का असर, शेयरों में एक दिन में करोड़ों का नुकसान

अनिल अंबानी ग्रुप पर फर्जी बैंक गारंटी का असर, शेयरों में एक दिन में करोड़ों का नुकसान

अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनियों के शेयरों में 13 अक्टूबर को फर्जी बैंक गारंटी मामले के चलते भारी गिरावट आई। रिलायंस पावर के शेयर 10.5% गिरकर 43.55 रुपये और रिलायंस इंफ्रा के शेयर 4.5% गिरकर 231 रुपये पर आ गए। ED ने रिलायंस पावर के सीनियर एग्जीक्यूटिव अशोक कुमार पाल को गिरफ्तार किया।

Reliance stocks: सोमवार, 13 अक्टूबर को अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनियों के शेयरों में अचानक भारी गिरावट आई। रिलायंस पावर के शेयर 10.5% गिरकर 43.55 रुपये और रिलायंस इंफ्रा के शेयर 4.5% गिरकर 231 रुपये पर आ गए। यह गिरावट प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी बिलिंग मामले में कंपनी के सीनियर एग्जीक्यूटिव अशोक कुमार पाल की गिरफ्तारी के बाद हुई। निवेशकों को करोड़ों का नुकसान झेलना पड़ा, जबकि जांच 2017-2019 के लोन के गलत इस्तेमाल पर केंद्रित है।

फर्जी बैंक गारंटी और गिरफ्तारी

प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को रिलायंस पावर के सीनियर एग्जीक्यूटिव अशोक कुमार पाल को फर्जी बैंक गारंटी और फर्जी बिलिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। ED का दावा है कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय गड़बड़ियों से जुड़ा है। अशोक कुमार पाल को दो दिन की हिरासत में भेजा गया है और उन्हें सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। ED ने उनसे कई घंटों तक पूछताछ की।

जांच 24 जुलाई को शुरू हुई थी, जब ED ने अनिल अंबानी ग्रुप की 35 जगहों, 50 कंपनियों और 25 से ज्यादा लोगों की तलाशी ली थी। यह कार्रवाई CBI की FIR पर आधारित थी। जांच में यस बैंक और उसके तत्कालीन प्रमोटर की भूमिका भी शामिल है। ED का शक है कि 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपये के लोन का गलत इस्तेमाल हुआ।

बैंक फ्रॉड के आरोप

जांच NHB, SEBI, NFRA और बैंक ऑफ बड़ौदा से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। ED का कहना है कि अशोक पाल ने 68 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) में जमा करने में अहम भूमिका निभाई। यह गारंटी कंपनी को धोखा देने और पैसों का गबन करने के लिए इस्तेमाल की गई।

जांच में यह भी सामने आया कि बोर्ड के एक फैसले ने पाल और अन्य अधिकारियों को SECI की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम बोली से जुड़े दस्तावेज तैयार करने और रिलायंस पावर की वित्तीय ताकत का उपयोग करने की इजाजत दी थी। इस मामले के खुलासे के बाद निवेशकों में डर और असमंजस बढ़ गया।

शेयर बाजार में गिरावट

इस मामले के असर ने शेयर बाजार में स्पष्ट रूप से देखा गया। शुक्रवार, 10 अक्टूबर को रिलायंस पावर के शेयर 15% बढ़कर 50.75 रुपये तक पहुंच गए थे। उस दिन ट्रेडिंग वॉल्यूम भी औसत से तीन गुना ज्यादा था। करीब 7 करोड़ शेयरों का लेन-देन हुआ, जबकि एक हफ्ते और एक महीने के औसत लेन-देन 2 करोड़ शेयरों का था।

हालांकि, सोमवार सुबह शेयरों में अचानक गिरावट आई। सुबह 10:10 बजे तक रिलायंस पावर के शेयर 5% गिरकर 46.20 रुपये और रिलायंस इंफ्रा के शेयर 2% गिरकर 238 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे। निवेशकों ने अचानक हुए नुकसान को लेकर चिंता व्यक्त की।

निवेशकों पर प्रभाव

शेयरों में यह गिरावट निवेशकों के लिए भारी साबित हुई। अनिल अंबानी ग्रुप के शेयरों में अचानक आई गिरावट से करोड़ों का नुकसान हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि फर्जी बैंक गारंटी और वित्तीय अनियमितताओं के मामले में जारी जांच के कारण निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है।

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