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Austere Systems IPO: लिस्टिंग के बाद शेयर ने पकड़ी रफ्तार, जानें डिटेल

Austere Systems IPO: लिस्टिंग के बाद शेयर ने पकड़ी रफ्तार, जानें डिटेल

ऑस्टेरे सिस्टम्स के IPO को निवेशकों का जबरदस्त रिस्पांस मिला और यह 1077 गुना सब्सक्राइब हुआ। ₹55 के इश्यू प्राइस पर आए शेयर BSE SME पर ₹75.55 पर लिस्ट हुए यानी 37% प्रीमियम के साथ। लिस्टिंग के बाद शेयर ₹78.50 के अपर सर्किट पर पहुंच गया। कंपनी जुटाए पैसे वर्किंग कैपिटल और कॉरपोरेट जरूरतों में लगाएगी।

Austere Systems IPO Listing: सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी ऑस्टेरे सिस्टम्स ने 12 सितंबर को BSE SME प्लेटफॉर्म पर शानदार एंट्री की। कंपनी का ₹55 का शेयर 37% प्रीमियम पर ₹75.55 पर लिस्ट हुआ और बाद में ₹78.50 के अपर सर्किट तक पहुंच गया। 3-9 सितंबर के बीच खुले इस ₹15.17 करोड़ के आईपीओ को निवेशकों ने 1077 गुना तक सब्सक्राइब किया था। जुटाई गई राशि में से ज्यादातर हिस्सा वर्किंग कैपिटल जरूरतों और बाकी सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च किया जाएगा।

लिस्टिंग के दिन कैसा रहा प्रदर्शन

ऑस्टेरे सिस्टम्स के शेयर 55 रुपये के इश्यू प्राइस पर जारी किए गए थे। BSE SME प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग 75.55 रुपये पर हुई। यानी निवेशकों को करीब 37 प्रतिशत का मुनाफा मिल गया। खास बात यह रही कि लिस्टिंग के बाद भी शेयर में तेजी बनी रही और यह 78.50 रुपये तक उछल गया। यहां तक कि यह अपर सर्किट को छू गया। इस तरह से आईपीओ निवेशकों का फायदा 42 प्रतिशत से भी ज्यादा हो गया।

निवेशकों का उत्साह चरम पर

कंपनी का IPO 3 से 9 सितंबर तक खुला था। इस दौरान इसमें निवेशकों का उत्साह देखते ही बन रहा था। IPO का साइज 15.17 करोड़ रुपये था लेकिन सब्सक्रिप्शन ने सभी उम्मीदों को पार कर दिया। ऑस्टेरे सिस्टम्स का आईपीओ कुल मिलाकर 1077 गुना सब्सक्राइब हुआ। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स का हिस्सा 236.50 गुना, नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का हिस्सा 2149 गुना और रिटेल निवेशकों का हिस्सा 1090 गुना भरा गया। यह आंकड़े अपने आप में बताते हैं कि निवेशकों ने इस कंपनी पर कितना भरोसा दिखाया।

जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल

IPO से कंपनी ने जो पैसा जुटाया है, उसमें से सबसे बड़ा हिस्सा वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने पर खर्च होगा। कंपनी ने बताया है कि करीब 11.60 करोड़ रुपये इसी पर खर्च होंगे। इसके अलावा बचा हुआ पैसा सामान्य कॉरपोरेट कामों में इस्तेमाल किया जाएगा।

कंपनी का बिजनेस मॉडल

साल 2013 में बनी ऑस्टेरे सिस्टम्स एक आईटी और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी है। यह स्टार्टअप्स और बड़ी कंपनियों को सॉफ्टवेयर सर्विसेज उपलब्ध कराती है। कंपनी का कामकाज सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, मोबाइल एप्लिकेशन, डेटाबेस मैनेजमेंट, ईआरपी, ई-कॉमर्स और एआई सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। इसके अलावा कंपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और प्रोसेस ऑटोमेशन में भी क्लाइंट्स को सॉल्यूशंस देती है।

वित्तीय स्थिति में उतार-चढ़ाव

अगर वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने 1.77 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। अगले ही साल यानी वित्त वर्ष 2024 में यह मुनाफा बढ़कर 4.15 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, वित्त वर्ष 2025 में मुनाफा थोड़ी गिरावट के साथ 4.01 करोड़ रुपये पर आ गया। इस बीच कंपनी की कुल आय लगातार बढ़ती रही और यह 18.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

कंपनी पर कर्ज की स्थिति भी ज्यादा चिंताजनक नहीं है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी पर 79 लाख रुपये का कर्ज था, जो अगले साल घटकर 44 लाख रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2025 में यह आंकड़ा मामूली बढ़कर 46 लाख रुपये तक पहुंचा। रिजर्व और सरप्लस की बात करें तो यह 2023 में 4.84 करोड़ रुपये था, जो 2024 में बढ़कर 8.99 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि 2025 में यह थोड़ी कमी के साथ 8.62 करोड़ रुपये पर रहा।

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