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BCCI का बड़ा फैसला: अब खिलाड़ियों की असली उम्र का होगा खुलासा, क्या है 'टू-टीयर एज वेरिफिकेशन सिस्टम'?

BCCI का बड़ा फैसला: अब खिलाड़ियों की असली उम्र का होगा खुलासा, क्या है 'टू-टीयर एज वेरिफिकेशन सिस्टम'?

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उम्र में धोखाधड़ी रोकने के लिए अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए बोर्ड ने खिलाड़ियों की उम्र और योग्यता की स्वतंत्र जांच कराने का फैसला किया है।

स्पोर्ट्स न्यूज़: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उम्र में धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक कड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब कोई भी भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी अपनी असली उम्र छुपा नहीं सकेगा। इसके लिए BCCI एक बाहरी सत्यापन एजेंसी को नियुक्त करने जा रहा है, जो खिलाड़ियों की उम्र और योग्यता की जांच करेगी। इस पहल का उद्देश्य भारतीय क्रिकेट में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखना है, खासकर जूनियर और अंडर-एज टूर्नामेंट्स में।

उम्र में धोखाधड़ी: BCCI की सख्त कार्रवाई की तैयारी

क्रिकेट जगत में यह कोई नई बात नहीं है कि कुछ खिलाड़ी अपनी उम्र कम दिखाकर जूनियर टूर्नामेंट्स में खेलने की कोशिश करते हैं, जिससे न केवल योग्य खिलाड़ियों के मौके छिन जाते हैं, बल्कि पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं। इसी समस्या को खत्म करने के लिए BCCI ने अब एक बाहरी प्रोफेशनल एजेंसी को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की है।

क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, BCCI ने इसके लिए RFP (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) जारी किया है, जिसमें कई अनुभवी और प्रतिष्ठित कंपनियों को इस प्रक्रिया में भाग लेने का निमंत्रण दिया गया है। अगस्त 2025 के अंत तक यह एजेंसी नियुक्त होने की उम्मीद है।

BCCI का टू-टीयर एज वेरिफिकेशन सिस्टम

BCCI पहले से ही एक दो-स्तरीय आयु सत्यापन प्रणाली (Two-Tier Age Verification System) अपनाता है:

  • दस्तावेज़ जांच – जिसमें आधार कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र और स्कूल रिकॉर्ड आदि की जांच की जाती है।
  • TW3 टेस्ट (Tanner-Whitehouse 3 Method) – यह एक वैज्ञानिक परीक्षण है, जिसमें हड्डियों की उम्र के आधार पर खिलाड़ी की वास्तविक उम्र का अनुमान लगाया जाता है। यह टेस्ट खासकर अंडर-16 लड़कों और अंडर-15 लड़कियों पर लागू होता है।
  • अब BCCI इन दोनों स्तरों को और अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए बाहरी एजेंसी को शामिल कर रहा है।

एजेंसी के लिए BCCI की शर्तें

इस सत्यापन एजेंसी को चुनने के लिए BCCI ने कुछ महत्वपूर्ण शर्तें निर्धारित की हैं:

  • एजेंसी के पास कम से कम 3 साल का अनुभव होना चाहिए।
  • भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भौतिक और डिजिटल सत्यापन की क्षमता होनी चाहिए।
  • एजेंसी को आधार, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड, शैक्षणिक दस्तावेज़, निवास प्रमाण आदि को सत्यापित करने की क्षमता होनी चाहिए।
  • आवश्यकता पड़ने पर, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में फील्ड वेरिफिकेशन की सुविधा भी होनी चाहिए।

BCCI यह सुनिश्चित करना चाहता है कि उम्र से संबंधित किसी भी धोखाधड़ी की गुंजाइश न रहे और सही उम्र के खिलाड़ी ही सही प्लेटफॉर्म पर खेलें। BCCI ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई खिलाड़ी उम्र में धोखाधड़ी करता हुआ पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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