भाई की हत्या के बाद पांच साल से फरार चल रहा एक इनामी अपराधी आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। यह मामला जितना भावनात्मक है, उतना ही हैरान करने वाला भी। अपने ही खून का गुनाहगार बना यह शख्स हत्या के बाद लगातार गुजरात और मुंबई जैसे बड़े शहरों में नाम और पहचान बदलकर छिपता रहा। लेकिन आखिरकार, पुलिस की सतत निगरानी, खुफिया सूचना और सटीक प्लानिंग ने उसे धर दबोचा।
हत्या के बाद गायब, परिवार भी अचंभित
यह वारदात करीब पांच साल पहले हुई थी, जब पारिवारिक विवाद के चलते आरोपी ने अपने सगे बड़े भाई की हत्या कर दी थी। शुरुआती जांच में सामने आया था कि संपत्ति और आपसी मतभेद को लेकर यह विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपी ने गुस्से में आकर चाकू से वार कर अपने भाई की जान ले ली। हत्या के बाद वह मौके से फरार हो गया और इतने सालों में पुलिस को उसकी कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई थी।
परिजनों ने भी समय के साथ उम्मीद छोड़ दी थी कि वह कभी पकड़ा जा सकेगा। पुलिस के लिए यह केस एक चुनौती बन गया था, खासकर तब जब आरोपी पर ₹25,000 का इनाम घोषित किया गया और फिर भी उसका कोई सुराग नहीं लग रहा था।
मुंबई और गुजरात में छिपकर बदलता रहा पहचान
पुलिस की स्पेशल टीमों ने लगातार पांच वर्षों तक उसकी तलाश जारी रखी। आरोपी का मोबाइल नेटवर्क, पुराने संपर्क, बैंक खातों की जानकारी और सोशल मीडिया गतिविधियों की ट्रैकिंग की जाती रही। आखिरकार, कुछ महीनों पहले गुजरात के एक गांव से सूचना मिली कि एक नया व्यक्ति हाल ही में वहां आकर बसा है और उसका हुलिया काफी हद तक आरोपी से मेल खाता है।
टीम ने तुरंत सादे कपड़ों में जांच शुरू की। पता चला कि वह व्यक्ति झूठी पहचान के साथ एक फैक्ट्री में काम कर रहा है और कई बार मुंबई भी जाता रहा है। सटीक टाइमिंग का इंतज़ार करते हुए पुलिस ने एक ऑपरेशन प्लान किया और उसे मुंबई के नालासोपारा इलाके से उस समय दबोच लिया, जब वह बस से कहीं बाहर जाने वाला था।
गिरफ्तारी के समय भी पुलिस को चकमा देने की कोशिश
गिरफ्तारी के समय आरोपी ने पुलिस को पहचानने से इनकार किया और झूठा नाम बताया। लेकिन पहले से तैयार टीम ने उसके फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान तकनीक से तुरंत पुष्टि कर ली। गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया, “आरोपी ने कई बार स्थान बदला, दाढ़ी-मूंछ उगाई, हेयर स्टाइल बदला, और फर्जी आधार कार्ड भी बनवाया था। लेकिन अपराध कितना भी पुराना हो, कानून के लंबे हाथ आखिरकार उसे पकड़ ही लेते हैं।”
अब न्याय की उम्मीद
अब आरोपी को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि क्या फरारी के दौरान उसने और कोई अपराध किया या किसी नेटवर्क से जुड़ा। परिवार और समाज के लिए यह मामला एक सबक भी है, जहां रिश्तों की दरार इस हद तक खतरनाक हो जाती है कि खून-खराबा तक हो जाता है।