अमेरिकी न्याय विभाग ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जुड़ी रूस जांच के संबंध में एक नई जांच शुरू की है। इस प्रक्रिया के तहत विभाग ने बड़ी संख्या में समन (Subpoena) जारी किए हैं।
वॉशिंगटन: अमेरिकी राजनीति में एक बार फिर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ा विवाद चर्चा में है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने उस चुनाव में रूसी हस्तक्षेप (Russian Interference) के आरोपों से जुड़ी पुरानी फाइलों को फिर से खोल दिया है। अमेरिकी न्याय विभाग (US Department of Justice) ने इस मामले में कई पूर्व CIA और FBI अधिकारियों को समन (Subpoena) भेजे हैं। यह कदम इस दिशा में उठाया गया है कि यह पता लगाया जा सके कि 2016 की रूस जांच में किसी तरह की राजनीतिक पक्षपात या गलत मंशा तो नहीं थी।
क्या है पूरा मामला?
साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस पर आरोप लगा था कि उसने अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की, ताकि डोनाल्ड ट्रंप को लाभ मिल सके और हिलेरी क्लिंटन को नुकसान पहुंचे। ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिकी खुफिया एजेंसियों CIA, FBI और NSA ने इस दखल की जांच की थी और जनवरी 2017 में एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की थी। उस रिपोर्ट में कहा गया था कि रूस ने सोशल मीडिया, हैकिंग और प्रचार अभियानों के जरिए अमेरिकी मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया था।
अब, ट्रंप प्रशासन ने उसी रिपोर्ट की दोबारा जांच शुरू करवाई है। जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि उस रिपोर्ट में कौन-से तथ्यों को आधार बनाया गया था, और क्या उसकी तैयारी में राजनीतिक पूर्वाग्रह की भूमिका रही थी।
किन अधिकारियों को भेजे गए समन?

सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग ने जांच के तहत अब तक कई पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को समन जारी किए हैं। इनमें प्रमुख नाम हैं:
- जॉन ब्रेनन, पूर्व CIA निदेशक
- पीटर स्ट्रजक, FBI के पूर्व काउंटर-इंटेलिजेंस अधिकारी
- लिसा पेज, FBI की पूर्व कानूनी सलाहकार
पीटर स्ट्रजक और लिसा पेज दोनों उस समय रूस जांच में सक्रिय रूप से शामिल थे। बाद में उनके बीच ट्रंप-विरोधी निजी संदेशों के लीक होने से वे विवादों में आ गए थे। स्ट्रजक को बर्खास्त कर दिया गया था, जबकि पेज ने इस्तीफा दे दिया था। सूत्र बताते हैं कि करीब 30 समन और जारी किए जाने की योजना है। ये समन फ्लोरिडा के साउदर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से जारी किए गए हैं, जो अमेरिकी न्याय विभाग के लिए संवेदनशील राजनीतिक मामलों में विशेष भूमिका निभाता है।
ट्रंप बार-बार कर चुके हैं आरोपों का खंडन
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 के चुनाव में रूस के साथ किसी भी साजिश से इंकार किया है। उन्होंने हमेशा कहा है कि यह जांच “राजनीतिक साजिश” का हिस्सा थी, जिसका मकसद उनके प्रशासन को कमजोर करना था। हालांकि, म्यूलर रिपोर्ट और अन्य कई आधिकारिक जांचों में यह स्वीकार किया गया कि रूस ने अमेरिकी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की थी, लेकिन यह भी पाया गया कि ट्रंप या उनके अभियान से रूस का कोई सीधा साजिशी संबंध (Collusion) साबित नहीं हुआ।
ट्रंप के दोबारा व्हाइट हाउस लौटने के बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। नए प्रशासन का कहना है कि “अतीत की जांचों की जवाबदेही तय करना जरूरी है। वर्तमान FBI निदेशक काश पटेल, CIA प्रमुख जॉन रैटक्लिफ, और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड इस जांच से जुड़े पुराने दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के पक्ष में हैं।
जुलाई 2025 में जारी CIA की एक आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया था कि 2017 की मूल रिपोर्ट में कुछ तकनीकी खामियां थीं। विशेष रूप से, स्टील डॉसियर (Steele Dossier) को शामिल करने से रिपोर्ट की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठे थे।













